कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जानिए कैसी है भारत की तैयारी, सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं
देश में इस समय टेस्टिंग की जरूरत है, इसलिए भारत ने अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ा दिया है. एक दिन में 95 हजार टेस्ट किए जा सकते हैं.
नई दिल्ली: देश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. अब तक कोरोना मरीजों की संख्या 53 हजार के करीब पहुंच गई है और 1,783 मरीजों की मौत हो गई है. कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में भारत की क्या है तैयारी.
अस्पताल और क्वॉरन्टीन सेंटर देश में कोरोना को लेकर जनवरी से ही तैयारी कर शुरू हो गई थी. देश में अब तक 821 डेडीकेटेड कोविड-19 अस्पताल हैं. वहीं, इलाज के लिए 1,50059 बेड हैं, जिसमें से आइसोलेशन के लिए 1,32,219 और 17,840 आईसीयू बेड हैं. वहीं अलग कोविड-19 हेल्थ सेंटर बनाए गए हैं, जहां 1,19,109 बेड की व्यवस्था है. देश में 7,569 क्वॉरन्टीन सेंटर हैं.
वेंटिलेटर स्वास्थ्य मंत्रालय ने जून 2020 तक 75 हजार वेंटिलेटर की जरूरत बताई है. देश में अभी 19398 वेंटिलेटर मौजूद हैं. 60,884 वेंटिलेटर के ऑर्डर दिए गए हैं, जिसमें से 59,884 भारतीय कंपनी और 1000 विदेशी कंपनी को दिया गया है. जल्द इसकी डिलीवरी शुरू हो जाएगी.
डायग्नोस्टिक किट्स आईसीएमआर अब रोज़ाना करीब 70 हजार टेस्ट कर रही है. केंद्र सरकार ने डायग्नोस्टिक किट आदि के साथ राज्य सरकारों की सहायता करने की जिम्मेदारी ली है. वो भी खरीद करने के लिए स्वतंत्र हैं और कुछ राज्य सरकार भी उनकी आपूर्ति की खरीद करने की कोशिश कर रही हैं. देश में 35 लाख आरटी पीसीआर किट्स की जरूरत पड़ेगी. आज तक 13.75 लाख किट्स आ चुकी हैं.
लैब और टेस्टिंग देश में इस समय टेस्टिंग की जरूरत है, इसलिए भारत ने अपनी टेस्टिंग क्षमता को बढ़ा दिया है. एक दिन में 95 हजार टेस्ट किए जा सकते हैं. देश में इस समय 327 सरकारी लैबोरेट्री और 118 प्राइवेट लैब में कोरोना टेस्टिंग की सुविधा है. आज तक देश में 13,57,442 टेस्ट किए जा चुके हैं.
ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर देश ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर बनाने में सक्षम है. हमारी मैनुफैक्चरिंग कैपेसिटी 6400 एमटी है, जिसमें से 1000 एमटी मेडिकल यूज के लिए है. देश में 5 बड़ी और 600 छोटी मैन्युफैक्चरर हैं. वहीं 409 अस्पताल ऑक्सीजन जेनरेट करने में सक्षम हैं.
4.38 लाख मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई के लिए उपलब्ध हैं. वहीं 1.03 लाख ऑक्सीजन सिलेंडर के ऑर्डर दे दिए गए हैं. इसके अलावा पांच लाख इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन सिलेंडर की भी पहचान की गई है, कन्वर्जन के लिए.
पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट देश में जून 2020 तक 2.01 करोड़ पीपीई होने चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर ये उपलब्ध रहे. इसलिए अब तक 2.22 करोड़ पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट के ऑर्डर दे दिए गए हैं, जिसमें 1.42 करोड़ भारतीय कंपनी को और 80 लाख इम्पोर्ट किए जाएंगे. देश में 107 कंपनी है, जो इसका उत्पादन करेगी. देश में अभी 2 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट बन रहे हैं. अब तक 17.37 लाख पीपीई मिल चुके हैं. अगले दो महीनों में 1.15 करोड़ और मिल जाएंगे. वहीं, अब तक 29.06 लाख पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट राज्यों को दिए जा चुके हैं.
N95 मास्क जून 2020 तक 2.72 करोड़ की जरूरत होगी. अब तक 2.49 करोड़ के ऑर्डर दे दिए गए हैं. इसमें 1.49 करोड़ भारतीय कंपनियों को ऑर्डर दिए गए हैं, जबकि 1 करोड़ मास्क के ऑर्डर इम्पोर्ट किए जाएंगे. अब तक 67.77 लाख N95 मास्क राज्यों को दिए जा चुके है.
ड्रग्स और बाकी मेडिकल इक्विपमेंट लगातार ड्रग्स और मेडिकल उपकरणों के उत्पादन और आपूर्ति पर एक टैब रखने के लिए, फार्मास्युटिकल विभाग (DoP) और राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) में दो कंट्रोल रूम बनाए गए हैं. सरकार निर्माताओं, वितरकों और फार्मासिस्टों के साथ निरंतर संपर्क में है. राज्य सरकारें भी उद्योग की निगरानी और सुविधा कर रही हैं. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का उत्पादन 12.23 करोड़ से बढ़कर 30 करोड़ प्रति माह हो गया है. देश ने केंद्र और राज्य संस्थानों के साथ-साथ लगभग 2.5 करोड़ की आवश्यकता के लिए HCQ की लगभग 16 करोड़ टैबलेट जारी की हैं.
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