नई दिल्लीः केंद्र ने राज्यों से कोरोना वैक्सीनेशन पर नजर रखने के लिए ब्लॉक स्तर के टास्क फोर्स का गठन करने और वैक्सीन के संबंध में सभी प्रकार की गलत सूचनाओं और अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए धार्मिक नेताओं समेत स्थानीय स्तर पर प्रभावित करने वाले लोगों की मदद लेने को कहा है.


स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार टास्क फोर्स को वौक्सीन लगाने में आने वाली रुकावटों को दूर करने की जिम्मेदारी दी जाएगी और इस तरह टीकाकरण के लिए योजनाएं और तैयारियां की जा रही हैं. उसने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 24 नवंबर को भेजे पत्र में कहा कि ब्लॉक टास्क फोर्स का नेतृत्व उप मंडलीय दंडाधिकारी या तहसीलदार करेंगे और इसमें सरकारी विभाग, विकास साझेदार, एनजीओ, स्थानीयों लोगों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले लोगों और धार्मिक नेताओं को शामिल किया जाएगा.


मंत्रालय ने पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 के टीके को देने में करीब एक साल का समय लगेगा और इसमें विभिन्न समूहों को शामिल किया जाएगा, जिसकी शुरुआत स्वास्थ्य कर्मियों से होगी. उसने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके मद्देनजर राज्य और जिला स्तर पर समिति बनाने को कहा है जो टीकाकरण की तैयारियों, मसलन टीकों को रखने के लिए शीत गृह की श्रृंखला, परिचालन तैयारी, भौगोलिक आधार पर राज्य विशेष की चुनौती आदि की समीक्षा करेगी.


केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के 24 नवंबर के पत्र में कहा गया है, ‘‘कोविड-19 टीकों को देने के लिए ब्लॉक टास्क फोर्स (BTF) के गठन की भी आवश्यकता है ताकि टीके के संबंध में विकेंद्रीकृत योजना और तैयारी की जा सके.’’


पत्र में कहा गया है कि बीटीएफ को को-विन सॉफ्टवेयर पर अपलोड के लिए जिले के साथ साझा किए जाने वाले लाभार्थियों के डेटाबेस पर नजर रखने, सूक्ष्म योजना, संवाद योजना, शीत गृह की श्रृंखला और टीकाकरण संबंधी साजो सामान से जुड़ी योजना की प्रगति पर नजर रखने तथा हर गतिविधि की जवाबदेही तय करने को कहा गया है. इसके अलावा बीटीएफ टीकाकरण सत्रों की योजना भी बनाएंगे. पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जाएगा.


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