मुंबई: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच पूरी दुनिया में वेंटिलेटर की मांग में जोरदार वृद्धि देखने को मिल रही है. ऐसे में देश में भी कोरोना के बढ़ते मामले के बीच सरकार वेंटिलेटर को लेकर एक्शन मोड पर आ गई है. सरकार की तरफ से सरकारी अधिकारियों, बड़े कॉरपोरेट घराने और वेंटिलेटर प्रोडूसर का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. समय-समय पर वीडियो कांफ्रेंस भी की जा रही है जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एस जयशंकर भी मौजूद रहते हैं जहां वेंटिलेटर के मेगा प्रोडक्शन को लेकर प्लानिंग पर बात की जा रही है.


मुंबई का एवीआई हेल्थ केयर जो वेंटिलेटर बनाने का काम करता है पिछले कई दिनों से इनका काम ठप चल रहा था. कंपनी के मालिक चिराग लगातार सरकार से परमिशन के लिए बात कर रहे थे अब सरकार की ओर से उन्हें परमिशन भी दी गई है और यह भी शेयर किया गया है कि उनकी जरूरत का सारा सामान उनको उपलब्ध कराया जाएगा उनके कर्मचारियों की मदद की जाएगी और उन्हें हर तरह से मदद की जाएगी.  मंगलवार से प्रोडक्शन शुरू करने की तैयारी भी है.

देश में वेंटीलेटर प्रोडक्शन का ज्यादातर काम असेम्बलिंग का होता है जिसके लिए विदेशो से रॉ मैटेरियल इंपोर्ट किया जाता है. ऐसे में जब इंपोर्ट एक्सपोर्ट बंद है उत्पादन बहुत चैलेंजिंग हो जाता है.प्रशासन की तरफ से वेंटिलेटर प्रोड्यूसर को आश्वस्त किया गया है की उन्हें जो जरूरत होगी सरकार उसे पूरा करेगी. मशीन बनाने के लिए जो सहयोगी प्रोडक्शन की कम्पनी होगी उन्हें भी खोला जाएगा. आईआईटी और तकनीकी संस्थानों में हो रहे रिसर्च और भारतीय तकनीकी विकास करने को लेकर बातें की जा रही है.

वेंटीलेटर में काफी कुछ कंपोनेंट इंपोर्टेड होते हैं अब क्योंकि इंपोर्ट एक्सपोर्ट हो नहीं रहा है इसलिए एक बड़ा चैलेंज स्पेयर पार्ट्स का है जो भारत में मिल नहीं रहे अब कोशिश यही हो रही है कि आईआईटी और बड़ी कंपनियों में तकनीक विकसित करने की कोशिश हैकोशिश है कि अगले कुछ दिनों में काफी नए प्रोडक्ट बाजार में आएंगे.


बीएमसी ने कहा है कि जो रॉ मैटेरियल देने वाली फैक्ट्रियां हैं उनको भी फैक्ट्री खोलने की परमिशन तुरंत दे दिया जाएगा ताकि काम ना रुके, जितना जल्दी हो सके मैन्युफैक्चरिंग शुरू करें. बीएमसी ने कहा है कि कहीं पर भी किसी को रोका नहीं जाएगा. सरकार की तरफ से काफी प्रावधान किए गए हैं लॉकडाउन से 1 दिन पहले व्हाट्सएप ग्रुप बना है. प्लानिंग पर बाद लगातार प्रोडक्शन पर बात हो रही है. इसमें जॉइंट सेक्रेटरी जुड़े हुए हैं दो-तीन बार मीटिंग भी हुई है.


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