(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Coronavirus: PM नरेंद्र मोदी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में CM भूपेश बघेल ने लॉकडाउन पर दिया ये बड़ा सुझाव, मांगा आर्थिक पैकेज
पीएम मोदी की वीडियो कांफ्रेसिंग में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यों के अंदर आवश्यक आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही उन्होंने आर्थिक पैकेज की भी मांग की है. उन्होंने वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव भी दिया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज हुई विडियो कानफ़्रेंसिंग में कहा कि लॉकडाउन की स्थिति में राज्यों के अंदर कुछ आवश्यक आर्थिक गतिविधियां चलाने की अनुमति मिलनी चाहिए. इसी प्रकार उन्होंने संकट के समय एमएसएमई सेक्टर को बचाने के लिए केन्द्र सरकार से आर्थिक पैकेज की मांग की.
इसके साथ साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अधिक से अधिक सेम्पल लिए जाने और वर्तमान में कोरोना संकट को देखते हुए अंतर्राज्यीय सड़क, वायु, रेल सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि पीपीई किट की संख्या में वृद्धि और परीक्षण की सुविधा भी बढ़ाया जाना चाहिए. उन्होंने केन्द्रीय विश्वविद्यालय की परीक्षाएं स्थगित रखी जाए या ऑनलाइन लिए जाने का सुझाव भी दिया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य देश के सर्वप्रथम राज्यों में शामिल है, जहां 21 मार्च 2020 को लॉकडाउन लागू किया गया. सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन होने और पूर्ण लॉकडाउन के कारण यहां कोविड-19 के संक्रमण की स्थिति तुलनात्मक रूप से बेहतर है. राज्य में कोरोना संक्रमण के कुल 18 व्यक्ति संक्रमित पाए गए हैं. इनमें अब तक 10 स्वस्थ्य हो चुके हैं. शेष 8 मरीजों की हालत सामान्य है.
तबलीगी जमात के 7 सदस्य कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए इन सभी को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया है, उनकी हालत भी सामान्य है. राज्य में अब तक किसी भी व्यक्ति की कोरोना वायरस संक्रमण से मृत्यु नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि राज्य के 28 जिलों में केवल 5 जिलों से ही कोरोना संक्रमण के मरीज पाए गए हैं शेष 23 जिलों में संक्रमित व्यक्ति नहीं मिले हैं. प्रदेश में अब तक 3,473 सेम्पल लिए गए हैं. प्रतिदिन औसत 133 सेम्पल लिए जा रहे हैं. जो अत्यंत कम हैं. कम परीक्षण होने के कारण यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि वास्तव में कोविड-19 वायरस की स्थिति नियंत्रण में है अथवा नहीं. प्रतिदिन 3 से 5 हजार सेम्पल लेने की आवश्यकता है. इस संबंध में पूर्व में भी अनुरोध किया गया है.
मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया कि राज्य में तबलीगी जमात के 107 सदस्यों को क्वारेंटाइन में रखा गया है. इनमें से एक सदस्य का इलाज चल रहा है, कल ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य की सीमा में हजारों लोग फंसे हैं. उन्हें अभी राज्य की सीमा के बाहर ही क्वारेंटाइन करके रखा गया है. लेकिन इन लोगों को काफी परेशानी हो रही है. इनमें कई यात्री और परिवार के लोग भी हैं जो अपने घरों में जाना चाहते हैं. इस संबंध में दिशा-निर्देश की अपेक्षा है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में 56 लाख परिवारों में से 47 लाख गरीब परिवारों को दो माह का एक मुश्त राशन निःशुल्क दिया गया है इसके अलावा, शक्कर, नमक का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में बाजार बंद है जिससे वनोपज की खरीदी-बिक्री नहीं हो पा रही है. अनुसूचित क्षेत्रों में लघुवनोपज महुआ, इमली के संग्रहण और खरीदी का कार्य वन समितियों के माध्यम से चल रहा है. इस प्रकार की गतिविधियों के संचालन के लिए राज्यों को अनुमति मिलनी चाहिए.
प्रदेश में ढ़ाई लाख परिवारों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है. 77 हजार लोगों को क्वारेंटाइन में रखा गया है. राज्य की सीमाओं में 10 हजार लोगों क्वारेंटाइन में रखा गया है. मुख्यमंत्री ने कोरोना संकट के दौरान मरीजों की बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए सड़क, वायु और रेल के माध्यम से अंतर्राज्यीय आवागमन सुविधाओं पर प्रतिबंध जारी रखने का सुझाव दिया. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या और उनकी स्थिति को देखते हुए यह निर्णय लिया जाना उचित होगा कि कुछ आवश्यक आर्थिक गतिविधियों में छूट दी जाए अथवा नहीं. यह निर्णय लिए जाने का अधिकार राज्यों को दिया जाना उचित होगा. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए निश्चित रूप से आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा, जिसके लिए अभी से राज्य के हालातों के अनुरूप कार्य योजना बनाने की आवश्यकता के अनुरूप कार्य योजना बनानी पड़ेगी, जिससे भयंकर आथिक संकट से अपने प्रदेश को उबारा जा सके.