नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना के टीकों के निर्यात को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि वह आपात स्थिति में नौ दो ग्यारह हो गए हैं. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर सीएम योगी आदित्यनात पर भी हमला बोला. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर कोरोना से जुड़े आंकड़े छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि उसे स्थिति के बारे में सही जानकारी देनी चाहिए.
प्रियंका ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘‘ आज जब भारत कोरोना कहर की चपेट में है, ये देखना कितना पीड़ादायक है कि पिछले 70 साल की सरकारों के प्रयासों पर पानी फेरते हुए आज भारत को वैक्सीन निर्यातक देश से वैक्सीन आयातक देश बना दिया गया है.’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कप्तान की सीट पर बैठे प्रधानमंत्री मोदी जी, जिन्होंने टीके के प्रमाणपत्र पर खुद की तस्वीर छपवा दी है, इस आपात स्थिति में नौ दो ग्यारह हो गए हैं.’’
बाद में कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने एक वीडियो जारी कर कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी की स्थिति बहुत भयावह है. हर तरफ से वेंटिलेटर, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी की खबरें आ रही हैं. प्रदेश सरकार का यह धर्म है कि समस्या को बढ़ाने और आंकड़ों को छिपाने के बजाय समस्या को सुलझाने और सच्चाई को सामने लाने का काम करे. आज जो स्थिति बताई जा रही है, वो सही नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में 22 करोड़ लोग हैं और सिर्फ 85 लाख लोगों को टीका लगा है. न जाने क्यों टीकों का निर्यात कर दिया गया. टीके को लेकर सही से योजना बनाई जानी चाहिए थी.’’
उन्होंने कहा, "लखनऊ और उत्त प्रदेश के कई शहरों में टेस्टिंग पर्याप्त नहीं हो रही है. जो टेस्टिंग हो भी रही है उनका रिजल्ट आने में 3-7 दिन का समय लग रहा है. टेस्ट रिजल्ट न होने के चलते लोगों को अस्पतालों में प्रवेश नहीं मिल रहा है और इस स्थिति में कई लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. कई लोग अपने परिजनों एवं प्रियजनों को खो चुके हैं."
प्रियंका गांधी ने कहा कि टेस्टिंग के दरवाजे खोलिए, संख्या बढ़ाइए, रिजल्ट जल्दी आने की व्यवस्था करिए और टेस्टिंग रिजल्ट न होने पर भी आपात भर्ती का प्रावधान करिए. हर एक जान कीमती है. हर एक जान बचाने की कोशिश जरूरी है.
प्रियंका गांधी ने कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार से मेरा आह्वान है कि ये आक्रामक होने के बजाय संवेदनशील होने का वक्त है. यूपी से बेड न मिलने, टेस्ट न होने व रिपोर्ट देर से आने, ऑक्सीजन की कमी जैसी दुखद खबरें सामने आ रही हैं. कृपया अपनी नीति व्यवस्थित और स्पष्ट करिए. स्थिति को क़ाबू में लाइए, इससे पहले कि देर हो जाए.