ताली बजाने और टॉर्च जलाने से नहीं भागेगा कोरोना, पीएम को कोई परवाह ही नहीं- राहुल गांधी
राहुल गांधी का यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोगों से अपील की उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने देशवासियों से कहा था कि वे रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट के लिए अपने घरों की लाइट बंद कर दें और दीया या मोमबत्ती जलाएं.
नई दिल्ली: कोरोना से लड़ाई के संकल्प के मद्देनजर लोगों से रविवार रात 9 बजे रौशनी करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर तंज कसते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि भारत कोरोना की पर्याप्त जांच नहीं कर रहा है. लोगों से तालियां बजवाने और आसमान में टॉर्च जलवाने से समस्या का समाधान नहीं होने वाला. राहुल ने आंकड़ों के आधार पर आरोप लगाया है कि प्रति दस लाख लोगों पर कोरोना जांच के मामले में भारत पाकिस्तान से भी पीछे है. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए कहा है कि भारत में कोरोना जांच की संख्या कम इसलिए है क्योंकि प्रधानमंत्री को इसकी परवाह नहीं है.
कोरोना टेस्ट के मामले में भारत का रिकॉर्ड पाकिस्तान से भी खराब है- राहुल गांधी
राहुल गांधी लगातार सरकार से कोरोना की ज्यादा से ज्यादा जांच करवाने की मांग करते रहे हैं. इसे लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया है. ट्वीट में राहुल ने एक ग्राफिक्स भी साझा किया जिसमें प्रति दस लाख लोगों पर कोरोना जांच के आंकड़े को लेकर विभिन्न देशों की तुलना की गई है. राहुल गांधी द्वारा जारी किए गए आंकड़े के मुताबिक प्रति दस लाख लोगों पर दक्षिण कोरिया ने 7622 टेस्ट , इटली ने 7122 टेस्ट, जर्मनी ने 5812 टेस्ट, अमेरिका ने 2732 टेस्ट और इंग्लैंड ने 1891 टेस्ट किए हैं. जबकि भारत ने प्रति दस लाख लोगों पर महज 29 टेस्ट किए हैं. पड़ोसी देशों में श्रीलंका ने प्रति दस लाख पर 97 कोरोना टेस्ट किए हैं और पाकिस्तान ने 67 टेस्ट. यानी कोरोना टेस्ट के मामले में भारत का रिकॉर्ड पाकिस्तान से भी खराब है. ग्राफिक्स में ये भी लिखा है कि भारत में कोरोना टेस्ट की दर कम इसलिए कम है क्योंकि प्रधानमंत्री को इसकी परवाह नहीं है.
अब तक 70 हजार सैम्पलों की कोरोना जांच
आपको बता दें कि शनिवार तक भारत में लगभग 70 हजार सैम्पलों की कोरोना जांच की गई है. आने वाले दिनों में जांच की रफ्तार बढ़ने की संभावना है. भारत में कोरोना जांच की नोडल एजेंसी आईसीएमआर की मानें तो देश में जांच की संख्या पर्याप्त है. आईसीएमआर के मुताबिक कोरोना टेस्ट की संख्या ज्यादा ना होने के दो मुख्य कारण हैं. पहली ये कि जांच में प्राथमिकता विदेश से लौटे उन लोगों को दी जा रही है जिनमें कोरोना से जुड़े लक्षण पाए जाते हैं. दूसरी ये कि भारत में लॉकडाउन वक्त रहते किया गया साथ ही संक्रमण से प्रभावित देशों से यात्रा पर सही समय पर रोक लगा दी गई. गुरुवार को आईसीएमआरने कहा है कि देश भर में कोरोना संक्रमण के हॉटस्पॉट इलाकों में गहन टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो-प्रियंका गांधी
दूसरी तरफ रविवार रात 9 बजे दिया जलाने से पहले बिजली की बत्तियां बुझाने की पीएम की अपील पर इसके पावर ग्रिड पर पड़ने वाले कथित दुष्प्रभाव की बहस को लेकर प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि "जब देश कोरोना के खिलाफ युद्ध में एकजुटता का इजहार कर रहा है, आशा है कि केंद्र सरकार द्वारा पॉवर ग्रिडस एवं इंजीनियरों की चिंताओं का भी ध्यान रखा जा रहा है. ताकि संकटकाल में और जरूरत के समय बिजली आपूर्ति में कोई बाधा न हो."
हालांकि पावर ग्रिड को लेकर जारी चिंताओं पर कांग्रेस ने कहा है कि मौजूदा हालात में किसी भी बात को राजनीतिक रंग देना गलत होगा. दिया जलाने से पहले प्रधानमंत्री की बत्ती बुझाने की अपील पर कांग्रेस सरकारों के साथ-साथ विशेषज्ञों ने भी अपनी चिंता जताई है. हमें विश्वास है कि सरकार में बैठे लोग आशंकाओं पर विचार करेंगे. इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी कह चुकी है कि वो दिया जलाने की प्रधानमंत्री की अपील के खिलाफ नहीं है. लेकिन प्रधानमंत्री को डॉक्टरों के सुरक्षा उपकरण और गरीबों का चूल्हा जलाने को लेकर पर्याप्त इंतजाम करने चाहिए.
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