(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
कांग्रेस ने मोदी सरकार पर साधा निशाना, कहा- राहत पैकेज नहीं, लोन मेला लाई है सरकार
कांग्रेस ने कहा कि ये किस तरह की अजब असंवेदनशीलता है और उसके ऊपर कुल खर्च कितना? साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए. विस्थापित, प्रवासी मजदूर हैं, जो घर वापस जा रहे हैं, जो इस देश का सबसे बड़ा मानवीय संकट है.
नई दिल्ली: आज दूसरे दिन भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना से लड़ने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा जारी रखी. वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक प्रेस कान्फ्रेंस की और सरकार पर निशाना साधा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस ने कहा, "मोदी सरकार ने लोन मेला का आयोजन किया है, इसके अलावा कुछ नहीं है. हमें उन प्रवासी भाई-बहनों को सड़क पर चलते हुए देखकर बहुत पीड़ा होती है. हम पूछना चाहते हैं कि उस पीड़ा का आप कर क्या रहे हैं? 23 मार्च को आपने लॉकडाउन की घोषणा की, 28 मार्च को लॉकडाउन टूट गया. लाखों लोग अपने घर के लिए पैदल निकल गए. आपने उनको रोका, कैंपों में रखा, क्लोरिन से नहलवाया और उसके बाद उनको फिर सड़क पर छोड़ दिया कि जाईए."
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, "आपने क्या कहा कि अगर जिंदा रहे, चलकर घर पहुंच गए, तो तुम 5 किलो चावल या आटा खाना चाहोगे. 5 किलो आटा और एक किलो चना मुहैया कराएंगे. अगर जिंदा बचोगे, घर पहुंच गए, किस्मत अच्छी रही, तो तुमको 5 किलो चावल या 5 किलो गेहूं और 1 किलो चना हम तुम्हें देंगे."
कांग्रेस ने कहा, "ये किस तरह की अजब असंवेदनशीलता है और उसके ऊपर कुल खर्च कितना? साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए. विस्थापित, प्रवासी मजदूर हैं, जो घर वापस जा रहे हैं, जो इस देश का सबसे बड़ा मानवीय संकट है. 1947 के बाद सबसे बड़ी मानवीय आपदा है. उस आपदा से निपटने के लिए आपके पास महज 3500 करोड़ रुपए हैं. इससे बड़ा मजाक और क्या हो सकता है?"
इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अंधकार घना है कठिन घड़ी है, हिम्मत रखिए- हम इन सभी की सुरक्षा में खड़े हैं. सरकार तक इनकी चीखें पहुंचा के रहेंगे. इनके हक़ की हर मदद दिला के रहेंगे. देश की साधारण जनता नहीं, ये तो देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं... इसे कभी भी झुकने नहीं देंगे."