नई दिल्लीः दुनियाभर में कोरोना वायरस की मार पड़ने के बाद भारत कोरोना महामारी को नियंत्रित करने में सफल रहा है. भारत अभी भी दुनिया में कोरोना संक्रमण से प्रभावित देशों की लिस्ट में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. वहीं 16 जनवरी से चालू हुए कोरोना वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बाद देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार में कमी देखने को मिल रही है.


भारतीय काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के महानिदेशक बलराम भार्गव का कहना है कि कोरोना महामारी देश के लिए अपनी स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बड़ा और मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है. समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए भार्गव ने बताया कि देश में महामारी नियंत्रण में है क्योंकि सरकार ने विज्ञान के बनाए गए दृष्टिकोण को अपनाया.


स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं को मिला बढ़ावा


बलराम भार्गव का कहना है कि 'हमने मॉलिक्युलर टेस्ट का उपयोग बहुत पहले ही कर लिया था. कोरोना महामारी भारत के लिए अपनी स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने का एक बड़ा अवसर था. इसके कारण देश में बहुत बड़ा जन आंदोलन देखा गया. जिसमें मास्क पहनने, दो गज की दूरी, और हाथ को साफ रखने पर काफी जोर दिया गया.'


भार्गव ने कहा, 'ICMR ने परीक्षण और वैक्सीन पर काम किया और सिंगल लैब से 2,500 लैब तक बढ़ाया. पश्चिमी और अन्य देशों के दृष्टिकोण की तुलना में, हमने शुरुआत से ही महामारी को गंभीरता से लिया. हमने परीक्षण, ट्रैकिंग, ट्रेसिंग, प्रौद्योगिकी की 5 टी रणनीति को अपनाया, बहुत जल्दी इलाज किया गया.' भार्गव ने लोगों को मास्क पहनने, सामाजिक दूरी बनाए रखने और स्वास्थ्य स्वच्छता का पालन करने की सलाह दी है.


देशभर में एक करोड़ से ज्यादा संक्रमित


बता दें कि अभी तक देशभर में कुल 41 लाख 38 हजार 762 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा चुकी है. वहीं देशभर में कोरोना संक्रमण का कुल आंकड़ा बढ़कर एक करोड़ 7 लाख 77 हजार के पार पहुंच गया है. वर्तमान में एक लाख 60 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. एक करोड़ 4 लाख 62 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमितों का इलाज सफल रहा है. वहीं देश में कोरोना संक्रमण से एक लाथ 54 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.


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