नई दिल्ली: दुनिया के कई देश इस समय कोरोना के चपेट में है, लगातार नए मामले सामने आ रहे हैं. भारत में इस समय 21 हजार से ज्यादा कोरोना के मरीज हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. इस वायरस से संक्रमण का पता लगाने के लिए सिर्फ एक टेस्ट है जिसे ''आरटी पीसीआर'' कहते हैं और टेस्ट के नतीजे आने के लिए 24 घंटे से ज्यादा वक़्त लगता है. जरा सोचिए की जो शख्स कोरोना टेस्ट के लिए जाता होगा उसे नतीजे के लिए 24 घंटे इंतजार करना कितना डरावना होता होगा. लेकिन अगर ऐसा हो कि कोरोना से कोई संक्रमित है या नहीं ये बस एक घंटे में पता चल जाए तो. वहीं इसके लिए 500 रुपए से भी कम पैसे लगें तो कैसा हो?


काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर ) की मानें तो जल्दी ही एक ऐसी किट मार्केट में आने वाली है जो महज एक घंटे में बता देगी की रिजल्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव और वो भी मौजूदा किट से एक चौथाई से भी कम की कीमत पर.


प्रेग्नेंसी किट की तरह दिखती और काम करती है ये किट


सीएसआईआर का कहना है कि उन्होंने ऐसी टेस्ट किट तैयार कर ली है. खास बात यह है कि एक टेस्ट किट पेपर से बनी हुई है. यह पेपर टेस्ट किट प्रेग्नेंसी किट की तरह दिखती और काम करती है और उसी तरह नतीजे आने में भी कम वक़्त लगता है.


सीएसआईआर के डायरेक्टर जनरल डॉ शेखर मानडे ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "ये पेपर बेस्ड टेस्ट है जैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट होता है, ठीक वैसा ही ये टेस्ट होता है. हमने कोरोना वायरस संक्रमण के लिए टेस्ट किट बनाई है और यह आरटी पीसीआर टेस्ट की तरह ही सटीक नतीजे देगी. इसका फायदा यह है कि ये है कि कम समय में और कम पैसे में कर पाएंगे. हमारा मानना है कि इस टेस्ट को करने में कम समय लगेगा और इसकी कीमत 300 से ₹500 के अंदर होगी."


दुनिया भर में इस समय कोरोना टेस्ट करने के लिए आरटी पीसीआर टेस्ट है और इसमें काफी समय लगता है और काफी महंगी मशीन चाहिए होती हैं, ऐसे में इसकी कीमत पर भी इसका असर पड़ता है. वहीं सीएसआईआर के इस पेपर टेस्ट किट में ना तो ज्यादा मशीन चाहिए ना ही ये महंगी है. इसके अलावा ये समय भी कम लेती है. इस सीएसआईआर के डॉ शेखर मानडे, डीजी बताते है की "आरटी पीसीआर करने में 3 से 4 स्टेप करने पड़ते हैं. सबसे पहले हम आरएनए आइसोलेट करते हैं और उसके बाद उसका rt-pcr करते हैं उसके अलग-अलग टेंपरेचर का जो साइकिल होता है, वह करना होता है और उसे करने के लिए जो मशीन होती है वह काफी महंगी होती है. हमें ऐसी महंगी मशीन की जरूरत नहीं है इसलिए टेस्ट आसानी से हो जाएगा."


ये टेस्ट किट दिल्ली के मथुरा रोड पर मौजूद सीएसआईआर की लैब में तैयार हुई है. वहीं पेपर किट को बनाया गया है और इसका परीक्षण किया जा रहा है. ये कैसे काम करती है ये खुद हमें इस टेस्ट किट को बनाने वाले वैज्ञानिक दिब्ज्योती चक्रवर्ती ने बताया. डॉ चक्रवर्ती ने समझाया की "ये क्रिस्पर केस9 टेक्नोलॉजी और पेपर स्टेप केमिस्ट्री इन दोनों को मिलाकर एक नई टेक्नोलॉजी बनाने की कोशिश की है जिससे यह पता चल सकता है जो मरीज का सैंपल है, वह कोविड-19 से संक्रमित है या नहीं ."


कैसे करती है काम?


ये टेस्ट किट जैसे प्रेगनेन्सी किट की तरह काम करती है. टेस्ट स्ट्रिप पर जिसमें तीर का निशान है. जब पेपर टेस्ट किट पर सैंपल रखते हैं तो वह ऊपर की तरफ जाता है तो यहां पर दो लाइन है, कंट्रोल लाइन और टेस्ट लाइन. कंट्रोल लाइन हमेशा आपको पॉजिटिव मिलेगी जिससे यह पता चलता है कि यह स्ट्रिप काम कर रही है या नहीं और डिस्ट्रिक्ट लाइन है अगर यह भी पॉजिटिव मिलती है तो इसका मतलब यह कि जो सैंपल लिया गया है उसमें कोविड-19 का जेनेटिक मैटेरियल मौजूद हैं. दो लाइन आई तो पॉजिटिव और एक लाइन मतलब निगेटिव.


आपको बता दें कि इस टेस्ट किट पर दो साल से काम हो रहा था. स्किल सेल एनेमिया के लिए ये टेस्ट और इस तरह की बीमारी के लिए टेस्ट किट तैयार की जा रही थी. लेकिन तभी कोविड 19 महामारी शुरू हुई तो इसे तुरंत इसमें बदलाव कर इसे तैयार कर दिया.


दिव्यज्योति चक्रवर्ती बताते है कि, "इस टेस्ट किट बनाने की शुरुआत हमने 2 साल पहले की थी उस समय हम ऐसी तकनीक डेवलप करना चाहते थे जिससे कोई भी डीएनए या आरएनए लें उसमें कोई म्यूटेशन हो उसे हम पता कर सकें. इसीलिए हमने यह टेक्नोलॉजी डेवलप की थी फेलूदा और इसे खासतौर पर बनाया था सिकल सेल एनेमिया के लिए. लेकिन जनवरी में जब हमें पता चला कि कोविड-19 एक महामारी में तब्दील हुआ है तो हमने इसमें तब्दीली की और हम अब देख रहे हैं कि इस बीमारी में भी बहुत अच्छा काम कर रहा है.'


फिलहाल इस टेस्ट को वैलिडेट करने के लिए दिया गया है. वहीं अबतक के सीएसआईआर के नतीजे पूरी तरह सही निकले है. अगले एक से डॉ हफ्ते में इस टेस्ट किट को रेगुलेटर को औपचारिक मंजूरी के लिए दे दिया जाएगा और फिर ये टेस्ट किट बाज़ार में आएगी.


वहीं सीएसआईआर को उम्मीद है की बाज़ार में आने के बाद और प्राइवेट कंपनी के प्रोडक्शन से कॉम्पिटिशन होगा जिसे कीमत और कम होगी. फिलहाल सीएसआईआर जल्द सारी औपचारिकता पूरी कर इस लोगों के लाना चाहती है. वहीं कोरोना महामारी में इस किट से काफी मदद मिलेगी.


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