फर्श पर बिछे शव, शवों के ढेर में भरी मर्चुरी, शवों से भरे डंपर ये आलम एक सरकारी अस्पताल का है, जहां लगातार मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और वजह है कोरोना वायरस. इस कोरोना वायरस की दूसरी लहर इतनी खतरनाक होगी इसका अंदाजा शायद ही किसी ने लगाया होगा.
वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में इस समय ऐसा ही मंजर देखने को मिल रहा है. शहर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल श्मशान में तब्दील हो चुका है. यहां पर मरने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि मर्चुरी में शवों को रखना मुश्किल हो गया है.
डॉ भीम राव अम्बेडकर मेमोरियल अस्पताल में शवों का ढेर जमीन से लेकर डंपर तक हर जगह देखने को मिल रहा है. यहां तक की मर्चुरी का फ्रीजर भी अब फुल हो चुका है. वहीं रविवार को रायपुर में 10,521 नए कोरोना के मामले सामने आए हैं.
शवों के लिए कम पड़ रहे फ्रीजर
रायपुर की मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मीरा बघेल ने बताया कि किसी को अंदाजा नहीं था कि एक ही बार में इतनी सारी मौत हो जाएंगी. उन्होंने कहा कि उनके पास सामान्य मौतों के लिए पर्याप्त फ्रीजर हैं, लेकिन मौतों के बढ़ते आंकड़े ने फ्रीजर की कमी कर दी है. साथ ही कहा कि आइसोलेशन के जरिए कोविड से हम सब जंग जीत रहे थे लेकिन इस दूसरी लहर ने स्थिति को पहले से ज्यादा खराब बना दिया है. वहीं आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक रायपुर में हर दिन 55 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है और उनमें से ज्यादातर कोरोना वायरस रोगी हैं.
रायपुर और दुर्ग में हैं सबसे ज्यादा कोरोना केस
भारत में कोरोना वायरस की इस नई लहर की चपेट में आने वाले 10 राज्यों में से सबसे ज्यादा रायपुर और दुर्ग जिले प्रभावित हो रहे हैं. रायपुर में अब तक कुल मामले 91,311 तक पहुंच चुके हैं, जिसमें 1,203 मौतें शामिल हैं. वहीं दुर्ग के केसेलड में 939 मौत हुई हैं. जबकि राजनांदगांव में अन्य जिलों में 759 ताजा मामले मिले हैं.
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