Coronavirus: पूरे देश की अदालतें कर सकेंगी वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई, SC ने कहा- लॉकडाउन के बाद भी जारी रहेगी व्यवस्था
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी इस व्यवस्था को खत्म नहीं किया जाएगा. इसे और बेहतर बनाने पर काम किया जाएगा. 4 हफ्ते बाद मामले में आगे की सुनवाई की जाएगी.
नई दिल्ली: अब देश की तमाम अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई कर सकेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इसकी अनुमति दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हाईकोर्ट अपने राज्य में सुनवाई को लेकर नियम बनाएं. निचली अदालतें उसके मुताबिक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई शुरू कर दें.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट खुद इन दिनों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई कर रहा है. कुछ हाई कोर्ट भी जरूरी मामलों की सुनवाई के लिए ऐसा ही कर रहे हैं. लेकिन निचली अदालतों में कोरोना के खतरे के बीच कामकाज लगभग बंद पड़ा है. ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के जरिए निचली अदालतों में कामकाज का रास्ता खोल दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई को बेहतर बनाने, भविष्य में भी इसे जारी रखने को लेकर वरिष्ठ वकील विकास सिंह की चिट्ठी का संज्ञान लेते हुए आज सुनवाई की. सुनवाई में मौजूद रहे अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, कानून मंत्रालय के सचिव, NIC की डायरेक्टर जनरल और विकास सिंह ने अपने अपने सुझाव दिए. इसी सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े, डी वाई चंद्रचूड़ और नागेश्वर राव की बेंच ने देशभर में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई शुरू किए जाने का आदेश दिया.
दरअसल, इस वक्त अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करने को लेकर कोई स्पष्ट कानूनी प्रावधान नहीं है. ऐसे में, सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत हासिल विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए इसकी व्यवस्था की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है :-
• हाई कोर्ट अपने राज्य में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए सुनवाई को लेकर नियम बनाए • राज्य की निचली अदालतें उसके मुताबिक काम करें • इस तरह की सुनवाई के दौरान अगर किसी पक्ष को अपनी बात रखने में समस्या हुई हो तो वो तभी या सुनवाई के तुरंत बाद हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दे. बाद में कही बात मंज़ूर नहीं की जाएगी • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) सुनिश्चित करे कि देश की सभी कोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग सुनवाई आराम से हो सके • अगर किसी मामले में कोई गवाही दर्ज करना जरूरी हो तो इसे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से तभी किया जाएगा, जब सभी पक्ष सहमत हों • ऐसा न होने की स्थिति में सबूत और गवाही रिकॉर्ड करने के लिए लोगों को कोर्ट में बुलाया जाएगा • मुकदमे से जुड़े जिन लोगों को स्वास्थ्य की समस्या नहीं उन्हें आने दिया जाएगा • अगर जज को लगा कि लोग ज़्यादा आ गए हैं तो सुनवाई टाल दी जाएगी
सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सभी हाई कोर्ट की कंप्यूटर कमिटी को NIC से संपर्क कर जल्द से जल्द वीडियो कांफ्रेंसिंग सुनवाई की व्यवस्था तैयार करने को कहा है. उम्मीद की जा रही है कि बहुत जल्द देश की सभी अदालतों में ज़रूरी मुकदमों की सुनवाई शुरू हो जाएगी. किस तरह के मामलों की फिलहाल सुनवाई हो सकेगी, उसके लिए क्या तरीका अपनाया जाएगा, किस ऐप का इस्तेमाल होगा, ये सभी बातें राज्य का हाई कोर्ट तय करेगा.
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