लोगों का पेट भरने वालों के सामने खुद का पेट भरने का संकट, मुंबई के डब्बे वालों ने महाराष्ट्र सरकार से मदद मांगी
मुंबई के हजारों डब्बे वाले दुनिया भर में अपने कार्यप्रणाली को लेकर मशहूर हैं और किस तरह से लोगों के टिफिन वह उनके दफ्तरों तक समय पर पहुंचाते हैं इसकी चर्चा पूरी दुनिया में है.
मुंबई: मुंबई के हजारों दफ्तरों में नौकरी करने वाले लोगों तक समय पर उनका टिफिन पहुंचाने और उनका पेट भरने वाले डब्बे वालों के सामने अब रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन की वजह से मुंबई के सभी दफ्तर बंद हैं, जिसकी वजह से मुंबई के डब्बे वालों का रोजगार भी छिन गया है. लॉकडाउन के 1 महीने बीतने के बाद अब इन डब्बे वालों के सामने संकट खड़ा हो गया है कि अगर ये काम नहीं करेंगे तो पेट कैसे भरेगा.
बता दें कि मुंबई के हजारों डब्बे वाले दुनिया भर में अपने कार्यप्रणाली को लेकर मशहूर हैं और जिस तरह से लोगों के टिफिन वह उनके दफ्तरों तक समय पर पहुंचाते हैं इसकी चर्चा पूरी दुनिया में है. उनका मैनेजमेंट दुनिया भर में हरदम चर्चा का विषय रहा है लेकिन कोरोना के कहर के दौरान मुंबई के डब्बे वालों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है और अब उनका मैनेजमेंट बिगड़ चुका है. उनके सामने ऐसी स्थिति खड़ी हो गई है कि आखिर अब वह करें तो क्या करें.
इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुंबई के डब्बा एसोसिएशन ने महाराष्ट्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह से सरकार बांधकाम मजदूरों की आर्थिक रूप से मदद कर रही है. उसी तरह से मुंबई के डब्बे वालों पर भी ध्यान दिया जाए और उन्हें आर्थिक मदद की जाए क्योंकि लॉक डाउन के एक महीने बाद अब डब्बे वालों को अपना परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है क्योंकि उनका रोजगार छिन चुका है कहीं दूसरी जगह से उनके मदद मिलने की गुंजाइश नहीं है ऐसे में अब महाराष्ट्र सरकार ही उनका सहारा बन सकती है.