नई दिल्ली: कोरोना वायरस खतरे से अपना घर सुरक्षित करने में जुटे भारत ने पड़ोसी मुल्कों से लगी ज़मीनी सीमाओं पर भी स्वास्थ्य नियत्रंण बढ़ा दिया है. इस कड़ी में सरकार ने भारत की 37 में से केवल 19 ज़मीनी चैकपोस्ट पर ही यात्रा आवाजाही की इजाजत देने का फैसला लिया है. यह फैसला 14 मार्च रात 12 बजे से लागू होगा. इस बीच भारत में कोरोना संक्रमण शिकार लोगों का आंकड़ा 81 पहुंच गया है.
कोरोना वायरस संकट के मद्देनज़र की जा रही तैयारियों की जानकारी देने पहुंचे सरकार के विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों ने बताया कि इस कड़ी में बांग्लादेश से साथ होने वाले बस और यात्री ट्रेन यातायात को भी 15 अप्रैल तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. इस फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनिल मलिक ने बताया कि कर्तारपुर गलियारे को लेकर फैसला अभी विचाराधीन है.
इटली और ईरान में गहराते स्वास्थ्य संकट के बीच भारत ने इन देशों से अपने नागरिकों को बाहर निकलने की कवायद भी तेज की है. जहां बीते 4 दिनों में 170 से अधिक लोगों को ईरान से बाहर निकला गया है. वहीं अगले कुछ दिनों के भीतर इटली और ईरान से और लोगों को सुरक्षित निकालने की तैयारी भी की गई है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की अधिकारी रुबीना अली ने बताया कि शनिवार को तेहरान से दिल्ली एक फ्लाइट आ रही है, जिसमें कई लोग भारत लौट सकेंगे. महान एयर की यह फ्लाइट भारतीय लोगों को लेकर आएगी. इसके अलावा एयर इंडिया की एक फ्लाइट भी पूरी तरह तैयार है. उसे भी तेहरान भेजा जाएगा. इटली के लिए भी एयर इंडिया की एक फ्लाइट शनिवार को 12 से 1 बजे के बीच मिलान के लिए उड़ान भरेगी. यह फ्लाइट रविवार को इटली से भारतीय लोगों को लेकर आएगी.
विदेश मंत्रालय में कोरोना संकट पर संयोजक बनाए गए, अतिरिक्त सचिव दम्मू रवि के मुताबिक सरकार इस स्वास्थ्य संकट के कारण परेशान भारतीयों तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है.
देश के भीतर स्वास्थ्य चिन्ताओं का हवाला देते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मास्क और हैंड सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत लाने का फैसला लिया है. इससे इन वस्तुओं की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सरकार दंडात्मक कार्रवाई भी कर सकेगी.
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता बनाए गए संयुक्त सचिव लव अग्रवाल के मुताबिक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 81 पहुंच चुका है. ताज़ा मामले दिल्ली, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश से सामने आए हैं. हालांकि फिर भी स्वास्थ्य आपातकाल जैसी कोई बात नहीं है. लिहाज़ा इस खतरे से निपटने के लिए सही जानकारी और जागरूकता की ज़रूरत है. उन्होंने बताया कि जरूरत के मुताबिक परीक्षण लैब की संख्या बढ़ाने की भी पूरी तैयारी है. साथ ही पूरी सतर्कता के साथ मेडिकल स्क्रीनिंग और सर्विलान्स का काम हो रहा है.
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