नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी द्वारा सितंबर महीने में परीक्षा आयोजित करने से जुड़े नए दिशा निर्देशों के विरोध में कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई ने दिल्ली में मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने प्रदर्शन किया. एनएसयूआई समेत कई छात्र संगठन कोरोना महामारी के वक्त परीक्षा आयोजित करने का विरोध कर रहे हैं.
एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन ने कहा कि जब कोरोना महामारी के कारण संसद को निलंबित कर दिया गया था. अब देश कोरोना के मामले 10 लाख को पार कर चुके हैं, तो छात्रों को परीक्षा देने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि सरकार छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं है और छात्रों के माता-पिता अपने बच्चों के बारे में चिंतित हैं, क्योंकि सरकार की तरफ से राहत के कोई संकेत नहीं हैं.
आपको बता दें कि इस मामले को लेकर एनएसयूआई लगातार केंद्र सरकार पर दबाव बना रही है. एनएसयूआई का कहना है कि कोरोना संकट के कारण छात्रों ने भी अपने छात्रावासों और विश्वविद्यालयों को छोड़ दिया है. कई छात्रों के पास अध्ययन सामग्री भी नहीं है, ऐसे में छात्र काफी मानसिक दबाव में हैं और परीक्षा देने की स्थिति में नहीं हैं.
एनएसयूआई ऑनलाइन परीक्षा के भी खिलाफ है, क्योंकि उसके मुताबिक यह प्रक्रिया उन छात्रों को भेदभाव और अलग करती है, जिनके पास उचित इंटरनेट कनेक्शन, लैपटॉप जैसे संसाधन नहीं हैं. इसलिए उसकी मांग है कि छात्रों को पिछले प्रदर्शन के आधार पर उत्तीर्ण और पदोन्नत किया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि कुछ दिनों पहले भी कांग्रेस ने इस मसले को लेकर ऑनलाइन अभियान चलाया था, जिसमें राहुल गांधी भी शामिल हुए थे. राहुल गांधी ने कहा था कि जब आईआईटी जैसे संस्थान अपने छात्रों को प्रोमोट कर सकते हैं, तो कोविड -19 महामारी के बीच यूजीसी विश्वविद्यालयों के छात्रों को पास क्यों नहीं कर रही?
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