कोरोना वायरस से लड़ने के लिए तैयार है CRPF, दिल्ली स्थित सेंटर में रोज बन रहे हैं 40 हजार मास्क और PPE सूट
देश की आंतरिक सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाला बल सीआरपीएफ लॉकडाउन लागू करने में राज्य-पुलिस की मदद कर रहा है. साथ ही पीपीई किट और मास्क का निर्माण कर रही है. कश्मीर में आतंकी और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ने वाली सीआरपीएफ सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स है.
नई दिल्ली: कश्मीर में आतंकियों से और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लड़ने वाली देश की सबसे बड़ी पैरामिलिट्री फोर्स, सीआरपीएफ कोरोना वायरस के खिलाफ बढ़-चढ़कर तैयारी कर रही है.सीआरपीएफ के राजधानी दिल्ली स्थित सेंटर में रोजाना 300 पीपीई किट और करीब 40 हजार मास्क तैयार हो रहे हैं. एबीपी न्यूज की टीम ने खुद सीआरपीएफ के वर्कशॉप में जाकर इस खास तैयारियों का जायज़ा लिया ताकि देशवासियों को पूरा भरोसा हो सके कि देश में पीपीई किट और मास्क की कमी नहीं होने दी जाएगी.
राजधानी दिल्ली के आरकेपुरम इलाके में सीआरपीएफ का उत्तरी सेक्टर मुख्यालय है. इसी कैंपस में है वो खास वर्कशॉप जहां कोरोना वायरस से मुकाबले की तैयारियों जोर-शोर से चल रही हैं. जिन जवानों के हाथों में हथियार होते हैं वे अब हाथ में कैची और पैरों से मशीन चला रहे हैं. ये सब इसलिए कि देश के डॉक्टर्स को पीपीई यानि पर्सनल प्रोटेक्शन किट, जिसे फुल बॉडी सूट भी कहा जाता है तैयार किए जा रहे हैं. इस वर्कशॉप में तीस (30) जवान तैनात हैं, जो रोजाना करीब 300 पीपीई किट तैयार करते हैं.इन जवानों में वे टेलर भी शामिल हैं जो सीआरपीएफ के जवानों के लिए वर्दी तैयार करते हैं.
पीपीई किट के अलावा सीआरपीएफ की इस वर्कशॉप में फेस-मास्क भी तैयार किए जाते हैं.इसके लिऐ सीआरपीएफ ने मास्क बनाने वाली मशीन लगाई है. इस मशीन पर नौ से दस जवान तैनात रहते हैं.इस मशीन से एक घंटे में करीब पांच हजार मास्क तैयार किए जातै हैं.सीआरपीएफ का टारगेट रोजाना 40-50 हजार मास्क तैयार करने का है.
सीआरपीएफ के नार्दन सेक्टर के आईजी, राजू भार्गव ने एबीपी न्यूज को बताया कि उनका केंद्रीय पुलिसबल देश के कोने कोने में तैनात है चाहे फिर वो कश्मीर हो दिल्ली हो या फिर नक्सल प्रभावित क्षेत्र या फिर उत्तर-पूर्व राज्य.ऐसे में फोर्स के तीन लाख जवानों को रोजाना मास्क की जरूरत पड़ती है. इसीलिए बड़ी तादाद में मास्क खुद तैयार किए जा रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, इस बात की पूरी आशंका है कि कोरोना वायरस महामारी के तौर पर देश में फैल सकता है. ऐसे में देश में मास्क की कमी ना हो जाए और इतनी बड़े पैरा-मिलिट्री फोर्स को सरकार का मुंह ना ताकना पड़े इसलिए इतनी बड़ी संख्या में मास्क बनाए जा रहे हैं.
आईजी भार्गव के मुताबिक, अगर जरूरत पड़ी तो सीआरपीएफ इन मास्क को आम लोगों के लिए भी तैयार कर सकते हैं.सीआरपीएफ के बनाए मास्क मात्र पांच रूपये में मिल सकते हैं, जबकि मार्केट में इस तरह के मास्क कई गुना ज्यादा रेट में मिलते हैं.
साथ ही सीआरपीएफ ने देशभर में कोरांटीन (क्वारंटीन) सेंटर भी बनाए हैं और वहां डॉक्टर्स भी तैनात हैं.पीपीई किट जो आरके पुरम सेंटर में तैयार किए जा रहे हैं वे भी इन डॉक्टर्स के लिए हैं.लेकिन इन पीपीई किट्स के देश के दूसरे अस्पतालों को भी सप्लाई किए जा सकते हैं.इन पीपीई किट्स की कीमत मात्र पांच सौ रूपये हैं.जानकारी के मुताबिक, बीपीआरडी, तेलांगाना भवन, एनडीसी, इत्यादि कई ऐसी सरकारी एजेंसियां और विभाग हैं जो सीआरपीएफ के मास्क और पीपीई किट की मांग कर रहे हैं.
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सीआरपीएफ ने अपने कैंप में खास इंतजाम किए हैं.कैंप के मुख्य-द्वार पर ही सेनेटाइजेशन-टनल बनी है जिससे होकर ही कोई दाखिल हो सकता है.इस टनल में दाखिल होते ही अंदर लगी कैमिकल-शावर की मशीन चालू हो जाती है और पूरा शरीर डिसइंफेक्टेंट हो जाता है.
इसी कैंप में एबीपी न्यूज को वो स्पेशल वॉशबेसिन दिखाई पड़ी जिसका वीडियो हाल ही में वायरल हुआ था. इस वॉशबेसिन में बिना हाथ लगाए लिक्विड सोप और पानी से हाथों को धोया जा सकता है.दरअसल, ये सीआरपीएफ ने खुद तैयार की है जो पैरों से ऑपरेट होती है.यहां तक की सेनेटाइजर लगाने के लिए भी हाथ से बोतल को टच करने की जरूरत नहीं है.
यहां तक की कैंप में जो भी गाड़ी दाखिल होती है उसको सेनेटाइजेशन के बाद ही अंदर दाखिल होने दिया जाता है. क्योंकि कैंप के अंदर बड़ी तादाद में जवान रहते हैं. ऐसे में सोशल डिस्टेंशिंग से लेकर डिसइंफेक्टेंट का खास ध्यान रखा जाता है.क्योंकि ऐसा करने से ही कोरोना वायरस से लड़ाई सार्थक हो पायेगी.
नोएडा: लॉकडाउन में सैकड़ों गरीबों का पेट भर रही है राजेश चमोली और उनकी टीम