नई दिल्ली: कोरोना के लिए पहले से कई दवाओं का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है. इसी कड़ी में सीएसआईआर कुछ दवाओं के कॉम्बिनेशन का कोरोना के इलाज के लिए क्लीनिकल ट्रायल करना चाहता है. इसके लिए तीन कॉम्बिनेशन तैयार किए गए हैं और डीसीजीआई से क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मांगी गई है.


क्लिनिकल ट्रायल को लेकर एबीपी न्यूज़ ने सीएसआईआर के डीजी डॉ शेखर मांडे से बातचीत की. उन्होंने कहा, "जैसा आपको पता होगा हम लोगों ने अलग-अलग दवाइयों के क्लिनिकल ट्रायल शुरू किए थे, जिसमें फेविपेरावीर और अर्बिदल हैं, जिनके क्लीनिकल ट्रायल अभी जारी हैं. वहीं, इस बीच गेल्नमार्क फार्मेसी को फेविपेरावीर की मंजूरी भी मिल गई है. इसलिए हमने सोचा कि कुछ कॉम्बिनेशन दवाइयों का भी ट्रायल किया जाना चाहिए. कॉम्बिनेशन थेरेपी जो हम लोग इस्तेमाल करना चाहते हैं. इस कॉन्सेप्ट को सामने रखकर तीन अलग-अलग ट्रायल डिजाइन किए गए हैं और इसके लिए हमने क्लिनिकल ट्रायल करने की डीसीजीआई से मंजूरी मांगी है."


शेखर मांडे ने बताया कि इसमें कोलचिसिन और फेविपेरावीर, कोलचिसिन और अर्बिदल क्योंकि ये दोनों अर्बिदल और फेविपेरावीर एंटीवायरल हैं और तीसरा है नेफामोस्टेक और अमिनोविलनिक एसिड उसको करेंगे. उन्होंने कहा, "हमारे क्लीनिकल पार्टनर हैदराबाद की कंपनी लक्ष्मी फार्मास्यूटिकल है. वह हमारे पार्टनर होंगे और हम यह ट्रायल मेदांता में करेंगे हमने उन्हें अप्रोच किया था और वह मान गए."

शेखर मांडे कहा कि MW के ट्रायल के नतीजे जल्द हमारे हाथ में आएंगे. रिजल्ट देखने के बाद हम तय करेंगे कि और आगे क्या करना है. अगर नतीजे अच्छे आते हैं तो हम एक्सपेंडेड ट्रायल करेंगे.


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