नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी से देश और दुनिया में चल रही लड़ाई का बीच कई सायबर अपराधी इस संकट को भी भुनाने में लगे हैं. घरों में रहने का मज़बूर लोग जहां ऑनलाइन भुगतान का सहारा ज़्यादा ले रहे हैं तो सायबर ठग लोगों को चूना लगाने के तरीके निकाल रहे हैं. यहां तक कि कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से बनाए गए आपदा कोष की आड़ में भी कुछ लोगों ने धोखाधड़ी की कोशिशें कर रहे हैं. कोविड19 के बहाने हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ सरकार ने आगाह किया है.


PM CARES में कोई भी भुगतान करने से पहले खाते की जांच कर लें
देश में साइबर अपराधों पर नज़र रखने वाले कंप्यूटर एमरजेंसी रेस्पॉन्स टीम यानी CERT ने हिदायत जारी कर सावधान किया है कि कोविड19 पर जनभागीदारी के लिए प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित कोष पीएम केयर्स के नाम के दुरुपयोग का प्रयास हो रहा है. आधिकारिक नाम यानी PMCARES@SBI से मिलते जुलते नाम वाली यूपीआई आईडी बनाकर लोगों का ठगने की कोशिश हो रही हैं.


इस कड़ी में CERT ने साफ किया है कि pmcares@sbi, pmcares@hdfcbank, pmcare@yesbnk, pmcare@ybl, pmcare@upi, pmcare@sbi, pmcares@icici जैसे यूपीआई आईडी फर्जी हैं. लिहाज़ा इनमें कोई धनराशि जमा न करें. देश का सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने इनमें से कई यूपीआई खातों को बंद भी करवाया है. CERT ने आम लोगों का सावधान करते हुए कहा है कि PM CARES में कोई भी भुगतान करने से पहले खाते की जांच कर लें और प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट से सही जानकारी हासिल कर लें.


मैलवेयर लिंक भेज रहे हैं हैकर्स
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी परामर्शी जारी कर कहा है कि कुछ सायबर धोखेबाज स्पाईमैक्स, कोरोना लाइव 1.1 आदि जैसे कोरोना वायरस ऐप के बारे में मैलवेयर लिंक प्रसारित कर रहे हैं. इस तरह का लिंक को खोलने पर प्राप्तकर्ता का फोन या कंप्यूटर का गोपनीय डेटा चोरी हो जाता है. इसके अलावा कई सायबर अपराधी कोविड19 को लेकर बढ़ी चिंताओं का सहारे लेकर चैरिटी फंड इकट्ठा करने में लगे है. लिहाज़ा धन दान देते समय चैरिटी फंड की साख लोग अच्छे से जांच लें.


वर्क फ्रॉम होम के बीच बढ़े सायबर हमले
इतना ही नहीं, कोविड19 संकट के बीच जहां घर से काम करने वालों की संख्या बढ़ी है तो वहीं सायबर हमले भी बढ़े हैं. CERT के अनुसार वाईफाई राउटर की हैकिंग, ईमेल के जरिए फिशिंग, फोन पर विशिंग( वॉइस कॉल के जरिए जानकारियां चुराने की कोशिश) आदि की घटनाएं बढ़ी हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि कम्पनियां और कर्मचारी अपने अपने स्तर पर सुरक्षा का इंतज़ाम चुस्त करें.


इकट्ठा की जा रही हैं यूजर्स की निजी जानकारियां
कोविड19 महामारी के नाम पर क़ई वेबसाइटें भी जहां आनन फानन में बन गई हैं. वहीं क़ई राज्यों में कोरोना क़ई जानकारी देने के नाम पर मोबाइल एप्लीकेशन बन गए हैं. इन सारे एप्लीकेशन के सहारे फोन उपभोक्ताओं की निजी जानकारियां भी बटोरी जा रही हैं.


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