नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को स्वीकार किया कि जून के पहले सप्ताह में कोविड-19 मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की कमी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में बीमारी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़ने लगी लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि अब ऐसी कोई कमी नहीं है.
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, ‘‘दिल्ली सरकार कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों और जांच की संख्या बढ़ाकर, घर में पृथक-वास कर रहे रोगियों को ऑक्सीमीटर एवं ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स मुहैया कराकर, प्लाज्मा थैरेपी उपलब्ध कराकर और सर्वेक्षण और जांच के जरिए इस वैश्विक महामारी से लड़ रही है.’’
पाबंदियों को हटाये जाने के बाद वायरस अधिक तेजी से फैला
उन्होंने कहा कि दिल्ली में लॉकडाउन पाबंदियों को हटाये जाने के बाद वायरस अपेक्षा से अधिक तेजी से फैला और शुरूआती दिनों में मृतकों की संख्या बढ़ी और शहर में कोविड-19 मरीजों के लिए बिस्तरों की आवश्यक संख्या नहीं थी.
कोविड-19 से निपटने के लिए अपनी सरकार की ओर से उठाये गये कदमों को गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के खिलाफ ‘‘मुश्किल’’ जंग छेड़ रखी है और वह विजयी साबित होगी लेकिन इसमें वक्त लगेगा.
उन्होंने कहा कि पिछले एक महीने में उनकी सरकार ने अस्पतालों में 40 प्रतिशत बिस्तरों को आरक्षित करने जैसे कदम उठाकर कोरोना वायरस मरीजों के लिए बिस्तरों की संख्या को बढ़ाया है.
इस कारण बढ़ा मौतों का आंकड़ा
केजरीवाल ने कहा कि 15 मई तक वायरस तेजी से फैल गया था और जून के पहले सप्ताह से बिस्तरों और टेस्टिंग की कमी थी इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने लगी.
उन्होंने कहा, ‘‘जून के पहले सप्ताह तक हमने पाया कि दिल्ली में बिस्तरों और टेस्टिंग की कमी है. कमी के कारण कुछ लोगों को बिस्तर नहीं मिल सके और मृतक संख्या बढ़ना शुरू हो गई.’’
अब बिस्तरों की कोई कमी नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘पहले मैं देर रात तक अस्पतालों में बिस्तरों के लिए फोन कॉल करता था. यह अब बंद हो गया है. वर्तमान में, कोरोना वायरस रोगियों के लिए बिस्तरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन हम अभी भी बिस्तरों की संख्या को बढ़ा रहे हैं.’’
केजरीवाल ने कहा कि सरकार के पास या तो लॉकडाउन जारी रखने या वायरस से लड़ने का विकल्प था और उसने लोगों से सलाह लेने के बाद वाले को चुना.
उन्होंने कहा कि सरकार ने होटलों को अस्पतालों से जोड़ने का फैसला किया और इन होटलों में 3,500 बिस्तरों की व्यवस्था की. राधा स्वामी सत्संग परिसर में 2,000 बिस्तरों की व्यवस्था की गई और जल्द ही 10,000 बिस्तरों की व्यवस्था की जायेगी.
लगभग 35,000 लोग विदेश से दिल्ली आए
केजरीवाल ने कहा कि मार्च में जब पूरे विश्व में वायरस फैल रहा था, लगभग 35,000 लोग विदेश, विशेषकर महामारी से अधिक प्रभावित देशों से दिल्ली में आये.
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी जांच की गई और जिन्हें बुखार था उन्हें राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) और सफदरजंग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. ये लोग घर गये और वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल गया.’’
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के लिए जांच की संख्या को अब प्रतिदिन 20,000 तक बढ़ा दिया गया है. उन्होंने कहा कि केन्द्र ने रैपिड जांच शुरू करने में दिल्ली सरकार की मदद की.
सीरोलॉजिकल सर्वे हो गया है शुरू
केजरीवाल ने कहा, ‘‘सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण शनिवार से शुरू हो गया है और इसके दायरे में 20,000 लोग आएंगे. यह सर्वेक्षण घर-घर जाकर किया जा रहा है और इससे दिल्ली में कोरोना वायरस के प्रसार का स्तर पता चलेगा.”
दिल्ली में कोरोना मामले 80000 के पार
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटे में यहां कोरोना वायरस के 2948 नए मामले सामने आए हैं और 66 लोगों की मौत हुई है. नए मामलों के सामने आने के बाद दिल्ली में कोविड-19 के पॉजिटिव केस के आंकड़े 80000 से अधिक हो गए हैं. राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के अब तक 80188 संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में 22 जून के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि हर रोज मामलों की संख्या तीन हजार से कम रही है.
दिल्ली में अब तक 2558 लोगों की मौत
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कुल पॉजिटिव मामलों में से 28329 एक्टिव केस हैं. वहीं अब तक 49301 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर अस्पतालों से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं. अब तक इस वायरस की वजह से दिल्ली में 2558 लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली में कोरोना टेस्ट की स्थिति
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में शनिवार को कुल 19180 सैंपल की जांच की गई है. वहीं अब तक 478336 सैंपल की जांच की जा चुकी है. प्रति दस लाख की आबादी पर दिल्ली में 25175 टेस्ट किए जा रहे हैं. आज की तारीख में दिल्ली में कंटेनमेंट जोन की संख्या 315 है.
अस्पतालों में बेड्स की संख्या
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 27 जून तक दिल्ली के अस्पतालों में कुल 13411 बेड्स उपलब्ध हैं. इसमें से 6068 भरे हुए हैं और 7343 बेड्स खाली हैं. वहीं होम आइसोलेशन में 17381 लोग स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.
आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण से 87 फीसदी मौतें
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली व तमिलनाडु सहित आठ राज्यों में कोरोना संक्रमण से 87 फीसदी मौतें हुई हैं और सक्रिय मामले 85 फीसदी हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, ये आठ राज्य हैं- महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल.
बताया गया है कि देश में वायरस के संक्रमण से अब 15,685 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण के मामले 5 लाख से ज्यादा हैं.
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