नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली को 'लॉकडॉउन' किया जाएगा. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के दौरान दिल्ली में 50 फीसदी बसों का संचालन बंद रहेगा. कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए सरकार ने यहां के सिनेमाहॉलों, मॉल, रेस्तरां को बंद करने के समेत कई एहतियाती कदम उठाए हैं. देशभर में इससे संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है और राज्य सरकारें इससे बचने के लिए एहतियाती कदम उठा रही है.
राशन का कोटा बढ़ा, 8.5 लाभार्थियों को 4000-5000 पेंशन दी जायेगी
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी तरह के पहले डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोविड-19 के कारण पाबंदियों से गरीबों को भयानक वित्तीय परेशानी हो रही है.उन्होंने घोषणा की कि इन लोगों को अगले महीने से उचित मूल्य की दुकानों से 50 प्रतिशत अतिरिक्त राशन मिलेगा और इस महीने के लिए बुजुर्गों, विधवाओं, दिव्यांगों की पेंशन दोगुनी की गई है. उन्होंने कहा कि सात अप्रैल तक 8.5 लाभार्थियों को 4000-5000 पेंशन दी जायेगी.
रैन बसेरों में बेघरों को भोजन उपलब्ध कराया जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिल्ली में 72 लाख लोगों को उचित मूल्य की दुकानों से 50 प्रतिशत राशन बढ़ाकर मिलेगा. इसे मुफ्त उपलब्ध कराया जायेगा.उन्होंने कहा कि हम कोरोना वायरस के मद्देनजर दिहाड़ी मजदूरों, श्रमिकों के बारे में बहुत चिंतित हैं. हम नहीं चाहते कि कोई खाली पेट सोए. केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली के रैन बसेरों में बेघरों को भोजन उपलब्ध कराया जायेगा.’’
पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी
केजरीवाल ने कहा कि सरकार ने सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक सभाओं में लोगों की संख्या घटा दी है और अब पांच से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने कहा कि फिलहाल बंद जैसी स्थिति नहीं है लेकिन कोरोना वायरस के मद्देनजर जरूरत पड़ने पर इसे करना होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है जनता कर्फ्यू की अपील
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से रविवार 22 मार्च को स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू की अपील की है. प्रधानमंत्री ने अपनी इस अपील में कहा, "साथियों मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है जनता कर्फ्यू। जनता कर्फ्यू यानी जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू. इस रविवार यानी 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक सभी देशवासियों को जनता कर्फ्यू का पालन करना है. इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे और न मोहल्ले में कहीं जाएंगे. सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे."
प्रधानमंत्री ने कहा, "साथियों 22 मार्च को हमारा यह प्रयास हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता कर्फ्यू की सफलता व इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे. मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वे जनता कर्फ्यू का पालन कराने का नेतृत्व करें."
प्रधानमंत्री इस स्वैच्छिक जनता कर्फ्यू की अपील 19 मार्च की रात आठ बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में की थी.
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