नई दिल्ली: कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली सरकार अब प्लाज़्मा तकनीक का प्रयोग करेगी. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में उम्मीद जताई कि इससे अन्य गम्भीर बीमारियों से पीड़ित कोविड पॉज़िटिव मरीज़ का इलाज करने में सफलता मिल सकती है.


एक प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी देते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, "केंद्र सरकार से हमने प्लाज्मा टेस्ट के लिए इजाजत मांगी थी जो हमको ज्यादा मिल गई है. हमारे डॉक्टर 3-4 दिन में ट्रायल करेंगे. अगर सफल हुए तो इससे सीरियस मरीज का इलाज करने में सफल हो सकेंगे." प्लाज़्मा तकनीक के बारे में बताते हुए केजरीवाल ने कहा, "इस तकनीक में जिस मरीज को एक बार कोरोना हो जाता है और वो जब ठीक होता है तो उसके शरीर में एंटीबॉडी बन जाते हैं. ये एंटीबॉडी ही उसको ठीक होने में मदद करते हैं. कोरोना से ठीक होने वाला व्यक्ति रक्तदान करता है. फिर उसके खून में से प्लाज्मा निकाला जाता है और ये प्लाज्मा कोरोना से पीड़ित दूसरे मरीज में डाल दिया जाता है जो बीमार है. इससे उस मरीज के अंदर ठीक करने वाले एंटीबॉडीज डिवेलप हो जाते हैं. इससे मरीज़ के ठीक होने की संभावना काफी ज़्यादा बढ़ जाती है. हम प्रार्थना करते हैं कि हमारा ट्रायल कामयाब हो."


मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "प्लाज्मा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल विदेशों में किया गया है और उसके नतीजे अच्छे आये हैं. हालांकि कोरोना से मुक्ति तो तभी मिलेगी जब वैक्सीन मिल जाएगी. लेकिन इस समय दो चुनौतियां हैं कि किस तरह से कोरोना को फैलने से रोकें. और दूसरा ये कि अगर किसी को कोरोना हो जाये तो वो ठीक होकर घर चला जाये, मौत न हो. सीरियस मरीज़ों में प्लाज़्मा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया और कई देशों में इसके अच्छे परिणाम आये हैं."


देश में कुछ और राज्य जैसे केरल और महाराष्ट्र भी प्लाज़्मा तकनीक के ऊपर काम कर रहे हैं. दिल्ली में अभी इसका ट्रायल किया जाएगा और सही नतीजे तीन-चार दिन बाद ही पता लगेंगे. गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक कोरोना से 32 मौत हो चुकी हैं और कुल 1578 पॉज़िटिव केस सामने आये हैं.



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