नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट में आज ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत तय करने के मसले पर सुनवाई हुई. इस मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत मांग और सप्लाई के आधार पर तय नहीं हो सकती.


सुनवाई के दौरान सरकार के वकील ने कहा कि हर कंसंट्रेटर अलग अलग होता है, लिहाजा कोई एक कीमत तय करना मुमकिन नहीं है. इस पर कोर्ट ने कहा कि आपको कोई ऐसा फॉर्मूला तैयार करना पड़ेगा, जिसके आधार पर अलग-अलग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत भी तय की जा सके.


दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील से कहा कि आप ऐसे कैसे हाथ हवा में खड़े करके कह सकते हैं कि इसकी कीमत तय नहीं की जा सकती. कुछ तो हो एमआरपी यानी अधिकतम कीमत तय होनी चाहिए.


कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं कि बेचने वाले अपनी मर्जी से किसी भी कीमत पर बेचें. आप ग्राहकों को इस तरह से अनदेखा नहीं कर सकते.


केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की किल्लत है. अगर हमने कोई एक कीमत तय कर दी तो मुमकिन है कि देश को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले ही ना.


कोर्ट ने कहा कि आप इसको लेकर कोई फार्मूला तो तैयार कीजिए, जिसके आधार पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत तय की जा सके. कोर्ट ने कहा कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप कोई एक निश्चित कीमत तय कर दीजिए, लेकिन कोई ऐसा फार्मूला जरूर होना चाहिए, जिसके आधार पर कीमत की गणना की जा सके.


सरकार के वकील ने कहा कि उदाहरण के तौर पर एक कंसंट्रेटर अमेरिका से आ रहा है 100 रुपये में और दूसरा चीन से आ रहा है 50 रुपये में तो दोनों की कीमत एक ही नहीं रखी जा सकती.


कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आपने लोगों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को लेकर जागरूक करने के लिए कोई ऐड कैंपेन क्यों नहीं शुरू किया? क्योंकि लोग इसको लेकर काफी असमंजस में है और जानकारी का अभाव है. सरकार के वकील ने कहा कि इस मामले पर चर्चा कर कल कोर्ट के सामने फिर हाजिर होते हैं.


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