Covishield Update: कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज के बीच अंतर कम करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में खारिज
दिल्ली हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि क्या आपको इस बात की जानकारी है कि वैक्सीन की डोज के बीच अंतर को कौन तय करता है.
दिल्ली हाई कोर्ट ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक के लिए निर्धारित 12 से 16 हफ्तों के अंतराल को कम करने की याचिका को खारिज कर दी है. हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर कहा गया था कि 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और अन्य गंभीर बीमारी से ग्रस्त लोगों के लिए कोविशील्ड की डोज की अवधि कम करके आठ हफ्ते कर दिया जाए.
चीफ जस्टिस डी एन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ ने डॉ सिद्धार्थ डे की ओर से दायर जनहित याचिका पर कहा, ''हम नोटिस जारी करने के इच्छुक नहीं हैं. हम इसे हर्जाना लगाने के साथ खारिज करेंगे.'''
दिल्ली हाई कोर्ट ने डॉ डे के वकील कुलदीप जौहरी से पूछा, ''आपको किसी प्रक्रिया की जानकारी है? खुराकें कैसे तय की जाती हैं? खुराकें कौन निर्धारित कर रहा है? यदि हमारे पास ऐसा करने की शक्ति होती तो हमें प्रक्रिया में बदलाव करना पड़ता.''
कोर्ट के इस सवाल पर जौहरी ने जवाब दिया कि कोविड कार्यकारी समूह और अन्य विशेषज्ञ समूहों ने इस पहलू पर गौर किया है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में वैज्ञानिकों के अध्ययनों के आधार पर कोरोना के नए स्वरुपों को ध्यान में रखते हुए खुराकों के अंतराल को घटाने की जरूरत है.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि जौहरी उन्हें समझा पाने में असमर्थ रहे. उसने कहा, ''आप हमें नहीं समझा पा रहे हैं. केवल दलीलें देनी हैं इसलिए आप दलील दे रहे हैं.''
जौहरी ने दावा किया कि याचिका ईमानदार मंशा से दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) थी जिसपर हाई कोर्ट ने कहा कि उसे याचिका की नेक मंशा को लेकर कोई संदेह नहीं है और इस पर सुनवाई न करना बेईमानी का प्रमाण-पत्र नहीं है.
कोर्टी की टिप्पणी के बाद जौहरी ने फिर बिना शर्त याचिका वापस ले ली. बता दें कि कोविशील्ड टीके की दोनों खुराकों के बीच वर्तमान में 12 से 16 हफ्तों का अंतर रखा गया है.
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