नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के पांच दिनों तक क्वारंटीन में रहने के अपने फैसले को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने बदल दिया है. अनिल बैजल ने आदेश दिया था कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे घर के बजाए सरकारी क्वारंटीन में रहना होगा.  


उपराज्यपाल ने ट्वीट कर दी जानकारी


दरअसल दिल्ली की केजरवीला सरकार उपराज्यपाल अनिल बैजल के आदेश का विरोध कर रही थी. अब उपराज्यपाल ने ट्वीट कर रहा है, ‘’जिन्हें अस्पतालों में दाखिल किए जाने की जरूरत नहीं है या फिर जिनके घरों में आइसोलेशन में रहने की सुविधा नहीं है, ऐसे लोग सरकारी क्वारंटीन सेंटर में रह सकेंगे.’’





एलजी के फैसले पर केजरीवाल ने क्या कहा था?


इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल के फैसले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आपत्ति जताई थी. केजरीवाल ने कहा है कि बाकी राज्यों के मुकाबले दिल्ली के लिए अलग नियम क्यों बनाया जा रहा है. केजरीवाल ने कहा कि इससे लोग टेस्ट कराने से बचेंगे और कोरोना का संक्रमण और ज्यादा फैलेगा. केजरीवाल ने साथ ही कहा कि राजधानी में पहले ही मेडिकल स्टाफ की कमी होती जा रही है, ऐसे में क्वारंटीन सेंटरों में कैसे स्वास्थ्यकर्मी दिए जाएंगे.


दिल्ली में कोरोना वायरस से हालात बेहद गंभीर


बता दें कि दिल्ली में कोरोना वायरस से हालात बेहद गंभीर बने हुए हैं. राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 53 हजार 116 हो गई है. इनमें से 27 हजार 512 लोगों का इलाज चल रहा है. जबकि 23 हजार 569 लोग ठीक होकर घर जा चुके हैं. दिल्ली में कोरोना वायरस से अबतक दो हजार 35 लोगों की मौत हो चुकी है. मौत के आंकड़े के मामले में दिल्ली देश में दूसरे नंबर है. वहीं महाराष्ट्र पहले नंबर पर है.


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