नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच खोला गया पहला ड्राइव-थ्रू टीकाकरण केंद्र बंद कर दिया गया है. इसको बंद करने का कारण केंद्र सरकार की ओर से निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन दरों को सीमित करना बताया जा रहा है. अस्पताल ने कहा है कि इसे चलाना अब अव्यावहारिक हो गया है.
ड्राइव-थ्रू टीकाकरण में अबतक करीब 10 हजार लोगों को लगा टीका
स्पेशियलिटी अस्पताल द्वारा आयोजित दिल्ली के पहले ड्राइव-थ्रू टीकाकरण केंद्र का उद्घाटन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 26 मई को वेगास मॉल, द्वारका में किया था. अस्पताल के अधिकारियों ने बताया है कि केंद्र पर अबतक करीब 10 हजार लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है.
अस्पताल ने कहा, ‘’दिल्ली का पहला ड्राइव थ्रू, जनता के लिए एक अत्यधिक सुरक्षित, सुविधाजनक तरीका था, जिसे हमने 15 दिनों तक बिना रुके चलाया. नए टीकाकरण मूल्य के कारण अब हमने अब इसे रोकने का फैसला किया है, क्योंकि इसे चलाना अब अव्यावहारिक हो गया है.’’
दरअसल कोरोना टीकाकरण केंद्रों पर भीड़ को नियंत्रित करने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ड्राइव थ्रू टीकाकरण एक नई पहल के रूप में देखी जा रही थी. उम्मीद की जा रही थी कि आने वाले समय में देश के कई हिस्सों में भी ऐसी पहल की जाएंगी. लेकिन दिल्ली का पहला ड्राइव-थ्रू टीकाकरण केंद्र बंद हो जाने से अब इसके भविष्य पर भी काले बादल छा गए हैं.
दिल्ली में कोरोना के 238 नए मामले
बता दें कि दिल्ली में शुक्रवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 238 नए मामले सामने आए जो कि पिछले तीन महीने में प्रतिदिन सामने आने मामलों की सबसे कम संख्या है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, महामारी से 24 और मरीजों की मौत हो गई और संक्रमण की दर घटकर 0.31 प्रतिशत रह गई है. स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली में अब तक कोविड-19 से 24,772 मरीजों की मौत हो चुकी है.
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