मुंबई: मुंबई के नजदीक पालघर में स्टेट ट्रांसपोर्ट बस के कंडक्टर देवीदास राठौर इस घड़ी में कर्तव्य निष्ठा और समर्पण का उदाहरण बन कर सामने आए हैं. कोरोना की चुनौती के दौर में जब 50 से ज्यादा उम्र के लोगों को घरों में रहने के लिए कहा जा रहा है तब देवीदास राठौर पालघर के ग्रामीण इलाकों से बस स्टैंड तक 19 किलोमीटर की दूरी हर दिन दौड़ कर तय करते हैं. दिखने में मैराथन धावक की तरह बिल्कुल गठा हुआ शरीर लिए देवीदास राठौर देश के लिए ओलंपिक में पदक भी जीतना चाहते हैं.
हर दिन तड़के सुबह देवीदास राठौर अपने घर से जब निकलते हैं तो गांव से बस स्टैंड की दूरी दौड़ते हुए पूरी करते हैं. दौड़ने का जुनून देवीदास राठौर के सर पर कुछ यू सवार है कि बस कुछ मिनटों में 19 किलोमीटर की दूरी यूं ही तय कर लेते हैं. ऐसे में जब बीमारी का डर है, सीनियर सिटीजन को घर में रहने के लिए कहा जा रहा है, देवीदास राठौर कहते हैं कि वह सिर्फ पानी पीकर के घंटों दौड़ सकते हैं.
बस के कंडक्टर देवीदास की एक बेटी डॉक्टर है और एक बेटी नर्स है. देवीदास की पहचान सिर्फ कंडक्टर की पहचान नहीं है इलाके में देवीदास नामी धावक भी बन चुके हैं 2015 से देवीदास ने दौड़ना शुरू किया है और तब से अब तक कई मैराथन दौड़ चुके हैं नासिक में 42 किलोमीटर मैराथन में पांचवा नंबर वसई में 2019 में 42 किलोमीटर मैराथन में दूसरा नंबर आया 2020 में पहला नंबर आया महाराष्ट्र में हुई हर बड़ी मैराथन में देवीदास दम जमा चुके हैं देवीदास का सपना है कि अपने देश के लिए ओलंपिक में पुरस्कार जीत सकें देवीदास 2020 ओलंपिक की तैयारी की बात भी कर रहे हैं पिछड़े इलाके के रहने वाले देवीदास को शायद पता नहीं है कि ओलंपिक पोस्टपोन हो गया है उनकी आंखों में देश के लिए कुछ करने का जुनून साफ दिखाई देता है.