अफवाहों से बचें, जानें कैसे अपने बच्चों को Coronavirus की चपेट में आने से बचा सकते हैं आप, यहां है पूरी जानकारी
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ ही इससे बचाव और इलाज को लेकर कई तरह की अफवाहें सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर लोग अपने अपने हिसाब से इससे बचाव और इलाज के दावे कर रहे हैं. सरकार अपनी ओर से इस वायरस से बचाव के तरीकों के बारे में जनता को बता रही है, बावजूद इसके लोगों में अफवाहों के चलते डर और भ्रम की स्थिति है.
नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चीन के वुहान से निकलकर लगभग पूरी दुनिया में फैले कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. इस वायरस के चलते दुनिया के कई देश लॉक डाउन की स्थिति में पहुंच गए हैं. दुनिया में कोरोना से पीड़ित लोगों की संख्या डेढ़ लाख से ऊपर चली गई है, जबकि करीब साढ़े पांच हज़ार लोग अब तक इस वायरस की भेंट चढ़ चुके हैं. भारत में भी इस खतरनाक वायरस ने पिछले कुछ दिनों में तेज़ी से अपने पैर पसारे हैं. यहां कोरोना वायरस से दो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, जबकि इस वक्त 107 लोगों के कोरोना पॉज़िटिव होने की पुष्टि हो चुकी है.
भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के साथ ही इससे बचाव और इलाज को लेकर कई तरह की अफवाहें सामने आ रही हैं. सोशल मीडिया पर लोग अपने अपने हिसाब से इससे बचाव और इलाज के दावे कर रहे हैं. सरकार अपनी ओर से इस वायरस से बचाव के तरीकों के बारे में जनता को बता रही है, बावजूद इसके लोगों में अफवाहों के चलते डर और भ्रम की स्थिति है. बच्चों के लिए काम करने वाली यूनाइटेड नेशन्स की संस्था यूनिसेफ (The United Nations Children's Fund) ने कोरोना वायरस को लेकर उपजे भ्रम की स्थिति को दूर करने की कोशिश की है. उन्होंने बच्चों को वायरस से कैसे बचाया जाए इसकी जानकारी दी है.
कोरोना वायरस कैसे फैलता है? सबसे पहले ये जानना ज़रूरी है कि ये वायरस एक शख्स से दूसरे शख्स तक कैसे फैलता है? इसका सीधा सा जवाब है सांस की गतिविधियों के ज़रिए. अगर कोई शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित है और वो आपके करीब रहते हुए छींकता या खांसता है, तो मुमकिन है कि आपको भी संक्रमण हो जाए. इसके अलावा किसी ऐसी जगह को छूने से भी आप संक्रमित हो सकते हैं, जहां पर ये वायरस गिरा हो. कोरोना वायरस किसी जगह पर कुछ घंटो तक ज़िंदा रह सकता है. हालांकि इसे किसी आम से कीटाणुनाशक से भी मारा जा सकता है.
कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं? कोरोना के लक्षणों में बुखार, कफ और सांस में कमी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ गंभीर मामलों में इन्फेक्शन की वजह निमोनिया या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. बेहद कम मामलों में ये बीमारी जानलेवा होती है. इसके लक्षणों की खास बात ये है कि ये आम फ्लू और सर्दी ज़ुकाम की तरह ही है, जोकि किसी को भी होना आम है. इसलिए लक्षण दिखने पर भी परेशान होने से बेहतर है कि आप जांच कराएं. जांच के बाद ही पुष्टि होगी कि आप कोरोना से संक्रमित हैं या नहीं. इसलिए ऐसे हालात में अपने हाथों को बार बार, सही तरीके से साबुन से धोएं और साथ ही छींकते या खांसते वक्त अपनी कोहनी से मुंह को ढकें या टिसू का इस्तेमाल करें और उसे किसी बंद कचरे के डब्बे में फेंक दें.
अगर बच्चों में कोरोना के लक्षण दिखें तो क्या करें? अगर आपके बच्चे में कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो चिकित्सीय सावधानी बरतें, लेकिन ये बात भी ध्यान में रखें कि अभी मौसम बदल रहा है और कोरोना के लक्षण और आम फ्लू और सर्दी ज़ुकाम के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं. इसलिए सावधानी बरतने की ज़रूरत है. लगातार हाथ धोएं, साफ सफाई का ध्यान रखें और खांसते-छींकते वक्त ज़रूरी चीज़ों का खास खयाल रखें. साथ ही अपने बच्चे के टीकाकरण को समय पर कराते रहें. इससे आपका बच्चा/बच्ची वायरस और बैक्टीरिया जनित बीमीरियों से बचा रहेगा. अगर आपके बच्चे में लक्षण दिखें तो पब्लिक प्लेस में जानें से बचे ताकि ये दूसरों तक न फैले.
बच्चों को स्कूल जाने दिया जाए या नहीं? इस वक्त पैरेंट्स के दिमाग में सवाल उठ रहा है कि अपने बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं. अगर आपके बच्चों में लक्षण दिख रहे हैं, तो उसका इलाज कराइए और डॉक्टर की सलाह का खास खयाल रखिए. इसके अलावा सांस से जुड़े दूसरे इंफ्केशन जैसे फ्लू होने पर अपने बच्चे को घर पर रखें और आराम करने दें. ताकि इसे दूसरों तक फैलने से रोका जा सके.अगर आपके बच्चे में किसी तरह का कोई लक्षण नज़र नहीं आ रहा है और सरकार की ओर ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसमें स्कूल जाने पर पाबंदी हो या कोई एडवाइज़री हो तो आप अपने बच्चे को स्कूल भेज सकते हैं.बच्चों को स्कूल जाने से रोकने से बेहतर है कि उसे इसके लक्षणों के बारे में बताएं. बच्चों को हाथ धोना सिखाएं और खांसने-छींकने के सही तरीके के बारे में बताएं. साथ ही उन्हें बताएं कि अगर उन्होंने अपने हाथ सही तरीके से नहीं धोए हैं, तो आंख, मुंह और नाक को न छूएं.
क्या गर्भवती महिला से उसके अजन्मे बच्चे में कोरोना वायरस जा सकता है? इस वक्त इस सवाल का कोई पुख्ता जवाब नहीं है. ये निर्धारित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान एक मां से उसके बच्चे में वायरस का संक्रमण होता है या नहीं. इस बात की अभी जांच की जा रही है. गर्भवती महिलाओं को अगर किसी तरह का कोई लक्षण नज़र आता है, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और अगर लक्षण नहीं हैं तो वायरस की जद में आने से बचने के लिए ज़रूरी सावधानियां बरतें.