मुंबई: क्या मुंबई के सरकारी अस्पतालों में कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन नही है ? यह सवाल इसलिए क्यों कि मुंबई के महानगरपालिका अंतर्गत काम करने वाली अस्पताल के कर्मचारियों ने जरूरी किट उपलब्ध ना होने को लेकर हंगामा किया और नारेबाजी की. मुंबई के जोगेश्वरी पूर्व में स्थित बालासाहेब ठाकरे ट्रॉमा सेंटर अस्पताल में काम कर रही नर्स ने प्रशासन से मांग की है कि उनको PPE kit (Personal Protection Equipment) उपलब्ध कराया जाए और इसकी मांग करते हुए वैद्यकीय अधीक्षक को पत्र लिखा है.


अस्पताल की नर्स ने पत्र में लिखा है , ''पूरे अस्पताल को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए आरक्षित रखा गया है. साथ ही यहां हर रोज ओपीडी विभाग में सैंकड़ों कोरोना संदिग्ध आते हैं , जिनमें से कई पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल में एडमिट किया है. ऐसे में हम उन मरीजों को सेवा देते हैं पर हमारे पास अपनी सुरक्षा के लिए PPE जरूरत के अनुसार उपलब्ध नहीं है. इसको जल्द से जल्द मुहैया कराया जाए ताकि हम निडर होकर मरीजों का इलाज कर सकें.''


नर्सो ने अपनी बात कहते हुए लिखा , ''हमें इन मरीजों को सेवा देनी है पर हमारी स्वास्थ्य को इससे खतरा है अगर हमारे स्वास्थ्य को जान को कुछ हो जाता है तो इसके लिए प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार रहेगा. नर्सो ने कहा की हम काम के लिए तैयार है पर बिना किट के हम वार्ड में नही जाएंगे. इस पत्र को अस्पताल के डीन को दिया है और अस्पताल के सभी नर्स ने इसपर सामूहिक हस्तक्षर किया है.''


इस चौंकाने वाले खुलासे के बाद प्रशासन की तरफ से कोई जवाब नहींआया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कह चुके हैं कि सरकार के पास पर्याप्त इंतजाम है. आपको बता दें की इस अस्पताल का नाम उद्धव ठाकरे के पिता व शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के नाम पर है और यह अस्पताल मुंबई महानगर पालिका के अंतर्गत आता है. बीएमसी और राज्य में दोनो जगह शिवसेना का कब्ज़ा है.


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