नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की तरफ से भेजी गई शिकायत पर संज्ञान लेते हुए निर्देश जारी किया था कि अगर डॉक्टरों को सिर्फ इस वजह से घर छोड़ने के लिए कहा जाता है कि क्योंकि वह उन मरीजों का इलाज कर रहे हैं जो कोरोना वायरस से ग्रसित हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद डॉक्टरों को एक बड़ी राहत मिली है और वो उम्मीद कर रहे हैं कि अब डॉक्टरों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं होगा.
डॉक्टर्स ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को भेजी थी शिकायत
इससे पहले डॉक्टर्स ने केंद्रीय मंत्रालय और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शिकायत लिखकर कहा था कि वो लोग कोरोना की जंग लड़ रहे मरीजों के साथ खड़े हैं और इस वजह से उनको किराये के मकान और सोसाइटी में घुसने से रोका जा रहा है.
क्या कहा गया था डॉक्टर की शिकायत में
डॉक्टरों की तरफ से दी गई शिकायत में कहा गया था कि "उनको मकान मालिक घर में नहीं घुसने दे रहे. लिफ्ट बंद कर दी गयी है और उनको लिफ्ट्स का इस्तेमाल भी नहीं करने दिया जा रहा. ऐसा सिर्फ डॉक्टरों के साथ ही नहीं बल्कि कुछ नर्सिंग स्टाफ के साथ भी हो रहा है." ये व्यवहार एम्स के आस पास रहने वाले करीब 5-6 डॉक्टरों के साथ किया गया था.
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से डॉक्टरों को मिली राहत
डॉक्टरों के साथ हो रही इस तरह के व्यवहार का खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया था जब उन्होंने देशभर में 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था डॉक्टर हमारे और आपके लिए काम कर रहे हैं उनका धन्यवाद करना चाहिए और साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार ना हो. प्रधानमंत्री की अपील के साथ साथ केंद्रीय गृह मंत्रालय और दिल्ली सरकार के निर्देशों के बाद अब डॉक्टर ने राहत की सांस ली है.
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