लॉकडाउन ने लाया वापस पुराना दौर, कॉमिक्स पढ़कर लोग काट रहे खाली समय
कोरोना वायरस के डर के कारण कई राज्यों में लॉकडाउन हो गया है.बाहर नहीं निकल पाने के कारण लोग घरों में रहने को मजबूर हैं. समय काटने के लिए लोग पुराने दौर की तरफ वापसी कर रहे हैं.
कोरोना वायरस के चलते कई राज्यों में पैदा हुई लॉकडाउन की स्थिति ने 90 के दशक की एक बार फिर वापसी कर दी है. जी हां, अगर उस दौर में आपने कॉमिक्स के सहारे अपने मनोरंजन के साधन का इस्तेमाल किया था तो इन दिनों लॉकडाउन ने फिर उसी दौर की वापसी कर दी है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि लोग समय बीताने के लिए कॉमिक्स की पढ़ाई कर समय काट रहे हैं.
लॉकडाउन ने वापस लाया पुराना दौर
चाचा चौधरी, साबू, नागराज, चंपक, नंदन, इंद्रजाल, लोटपोट, पिंकी और बिल्लू के कॉमिक्स 90 की दहाई में बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ करते थे. बच्चे कॉमिक्स को पढ़ने के लिए गर्मी की छुट्टी के इंतजार में रहते थे. यहां तक कि किराये पर लेकर कॉमिक्स के दीवाने अपनी मनोरंजन की चाहत पूरी करते थे. मगर हालिया पैदा हुई लॉकडाउन की स्थिति के कारण लोगों का घर से बाहर निकला मुश्किल हो गया है. बच्चों के साथ-साथ नौकरी पेशा लोगों के लिए भी घर में समय काटने की चुनौती पैदा हो गयी है. ऐसे में मनोरंजन के अन्य साधन होते हुए भी लोग कॉमिक्स की तरफ पलट रहे हैं. हालांकि बाजारों, दुकानों और स्टेशनों से कॉमिक्स नदारद हैं मगर इनके दीवाने किसी ना किसी जरिए से हासिल कर ही ले रहे हैं. यहां तक कि अब व्हाट्सएप के सहारे कॉमिक्स का आदान प्रदान हो रहा है. पुरानी बाल पत्रिका ऑनलाइन पढ़कर भी लोग मनोरंजन कर रहे हैं.
कॉमिक्स पढ़कर लोग काट रहे समय 1990 के दौर में कॉमिक्स का बच्चों और युवाओं के बीच बड़ा क्रेज था. उस वक्त टीवी की पहुंच लोगों तक सीमित थी. फिर मनोरंजन के अन्य साधन भी नहीं थे. डोरेमॉन, शिजूका, छोटा भीम, मोटू-पतलू जैसे कार्टून चैनल नदारद थे. मगर कोरोना वायरस ने लॉकडाउन के हालात बना दिए. ऐसी परिस्थिति में अपने जमाने के मशहूर कॉमिक्स पात्र लोगों के मनोरंजन और समय काटने का बेहतरीन माध्यम साबित हो रहे हैं. Coronavirus Live Updates: पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन तो हिमाचल प्रदेश में कर्फ्यू लगाने की घोषणा Coronavirus: शाहीनबाग की तर्ज पर इंदौर में चल रहा धरना रद्द, हटाए गए तंबू और बैनर