Coronavirus: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 रोधी टीके बनाने वाली प्रमुख विदेशी दवा कंपनियां भारत में अपने टीकों की आपूर्ति के लिए क्षतिपूर्ति और सरकारी प्रतिरक्षा छूट की मांग कर रही हैं, जिस पर सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये कंपनियां यहां कारोबार कर सकती हैं. लेकिन भारत की शर्तों के अनुसार.


विदेशी टीका निर्माता कंपनियों का स्वागत है लेकिन... 


मांडविया यहां प्रियम गांधी मोदी द्वारा लिखित ‘ए नेशन टू प्रोटेक्ट-लीडिंग इंडिया थ्रू द कोविड क्राइसिस’ नामक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे. स्वास्थ्य मंत्री से जब भारत में टीकों की आपूर्ति की इच्छुक विदेशी दवा कंपनियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हम शुरुआत से ही स्पष्ट कर चुके हैं कि विदेशी टीका निर्माता कंपनियों का देश में व्यापार करने के लिए स्वागत है, लेकिन यह भारत की शर्तों पर होना चाहिए.’ मांडविया ने कहा कि ऐसी विदेशी कंपनियों द्वारा निर्धारित नियम और शर्तों ने स्वदेशी टीके विकसित करने और उत्पादन बढ़ाने की अवधारणा व दृढ़ संकल्प को मजबूत किया है.


कुल वयस्क आबादी के 80 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी- मनसुख मांडविया


बता दें, भारत ने अपनी कुल वयस्क आबादी के 80 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी हैं. इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बयान जारी करते हुए जानकारी दी. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट करते हुए लिखा सबको वैक्सीन, मुफ़्त वैक्सीन. भारत ने अपनी 80% वयस्क आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जी के नेतृत्व में 'सबका प्रयास' के मंत्र के साथ देश 100% टीकाकरण की तरफ तेज गति से बढ़ रहा है.


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