गोवा में रिपोर्ट देरी से आने पर दो दिन में दर्ज की गईं 72 मौतें, राज्य ने 9 निजी अस्पतालों से मांगा जवाब
गोवा में आम आदमी पार्टी के संयोजक राहुल महाम्ब्रे ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे को कोविड की मौतों की देर से रिपोटिर्ंग की न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए.पिछले साल से गोवा में कोरोना वायरस के करीब एक लाख 60 हजार पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि राज्य में अबतक करीब 2900 लोगों की मौत हुई है.
पणजी: देशभर में कोरोना से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. गोवा के निजी अस्पतालों में दो दिनों के अंदर 72 कोरोना मरीजों की मौत रिपोर्ट की गई हैं, क्योंकि निजी अस्पतालों में 72 मौतों की रिपोर्ट अधिकारियों को देर से दी गई. आंकड़ों में हेर फेर के आरोप झेल रही सत्ताधारी बीजेपी सरकार ने अब राज्य के 9 निजी अस्पतालों से जवाब मांगा है. इस मामले को लेकर विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है. आम आदमी पार्टी ने न्यायिक जांच की मांग की है.
अधिकारियों को देर से मिली मौतों की जानकारी- स्वास्थ्य मंत्रालय
राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 72 कोविड मौतें जो पिछले साल अगस्त और इस साल मई के बीच निजी अस्पतालों में हुई, अधिकारियों को देर से सूचित की गई. ये निजी अस्पतालों से देर से रिपोर्ट किए गए थे। इन अस्पतालों के खिलाफ सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम की उचित कार्रवाई शुरू की जाएगी.
हम न्यायिक जांच की मांग करते हैं- आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी के संयोजक राहुल महाम्ब्रे ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे को कोविड की मौतों की देर से रिपोटिर्ंग की न्यायिक जांच का आदेश देना चाहिए. पार्टी ने अगले 24 घंटों के भीतर 72 मौतों पर एक श्वेत पत्र की भी मांग की. आप ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे से पूछा, ‘’20 अगस्त से 21 मई तक 67 मौतें फुटनोट के रूप में क्यों हैं. हम न्यायिक जांच की मांग करते हैं कि 20 अगस्त से 72 मौतों की सूचना क्यों नहीं दी गई. यह सरकार केवल गोवा के लोगों को धोखा देना जानती है."
बता दें कि पिछले साल से गोवा में कोरोना वायरस के करीब एक लाख 60 हजार पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि राज्य में अबतक करीब 2900 लोगों की मौत हुई है.
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