देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कोहराम मचाया हुआ है. संक्रमितों की संख्या भले ही पहले के मुकाबले कम हुई हो लेकिन मामले अब भी रोजाना लाखों की संख्या में दर्ज हो रहे हैं. वहीं, मौतों का आंकड़े ने भी सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा रखी है.


राज्यों की पॉजिटिविटी रेट पर नजर डाली जाए तो 4 मई से 17 मई के बीच कर्नाटक में 32 प्रतिशत पॉजिटिविटी रेट दर्ज हुई है जिसके बाद राज्य दूसरे स्थान पर आ पहुंचा है. वहीं गोवा में 43 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट बनी है जिसके बाद वो पहले स्थान पर आ गया है. महाराष्ट्र की बात करें तो इस वक्त 4.2 लाख एक्टिव केस हैं तो केरल में 3.4 लाख एक्टिव केस मौजूद हैं.


पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट


किसी राज्य में ज्यादा पॉजिटिविटी रेट होने का मतलब है कि प्रदेश में टेस्टिंग और ट्रैकिंग की संख्या आबादी के हिसाब से ना होना. सर्वे कि मुताबिक, 4 मई से 17 मई के आंकड़ों पर गौर करें तो पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट है जिसके बाद प्रदेश तीसरे स्थान पर आ गया है. वहीं, केरल में 27 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट दर्ज हुई है जिसके बाद वो चौथे स्थान पर आ गया है.


उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र बेहतर श्रेणी में आए


बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में काफी सुधार देखने को मिला है. ये राज्य बेहतर श्रेणी में आ दर्ज हुए हैं. इन राज्यों के अलावा, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और तेलंगना बेहतर श्रेणी में अपनी जगह बना चुके हैं.


आपको बता दें, देश के 11 राज्य की इस वक्त पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत से अधिक हैं. वहीं देश की पॉजिटिविटी रेट इस 4 मई से 17 मई के बीच 21.4 प्रतिशत से 19.5 प्रतिशत पर आ गई है लेकिन समस्या अभी भी नहीं टली है. देश में प्रतिदिन लाखों की संख्या में मामले दर्ज हो रहे हैं.


हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़ समेत अन्य खराब श्रेणी में


जो राज्य सबसे खराब श्रेणी में हैं वो उत्तारखंड, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, चंडीगढ़, राजस्थान, ओडिसा, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और असम हैं. यहां पॉजिटिविटी रेट डबल से ट्रिपल होते दिख रही है.


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