नई दिल्ली: कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार अब और भी ज्यादा सक्रिय होती नजर आ रही है. अब हॉटस्पॉट वाले इलाकों में अपने टेस्टिंग का विस्तार करने जा रही है. हॉटस्पॉट वाले क्षेत्रों में अब लोगों की तेजी से जांच की जाएगी, साथ ही उनकी रिपोर्ट भी जल्दी आएगी.


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मनोज मुहेकर ने कहा, "हमने सिंप्टेमैटिक लोगों को शामिल करते हुए टेस्टिंग स्ट्रेटेजी में बदलाव किया है. इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बहना और सांस लेने में कठिनाई शामिल जैसे लक्षण शामिल हैं."


पिछले हफ्ते, सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा था कि जिन लोगों में भी कोरोना वायरस के लक्षण देखने को मिल रहे हैं उनके ब्लड सेंपल लेकर त्वरित जांच की जाए. इसके साथ ही जो लोग किसी प्रवासन सभा, निकासी केंद्र और किसी भी तरह के गेट टूगेदर का हिस्सा रहे हैं उनकी भी जांच की जाए. इसके बाद जिन लोगों की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आती हैं उन्हे भी क्लारनटीन में रखा जाए. जिससे की अगर रिपोर्ट में कुछ खामी भी हो तो भी लोगों को सुरक्षित किया जा सके.


अभी तक ट्रेवल हिस्ट्री के अनुसार जिन लोगों ने भी पिछले 14 दिनों में विदेशी यात्राएं की हैं और उनमें कोरोना वायरस के लक्ष्ण देखने को मिल रहे हैं उनके लिए त्वरित टेस्ट (RT-PCR) के आदेश दे दिए गए हैं. इसके साथ ही जिन हेल्थकेयर वर्कर या अस्पताल में इलाज करा रहे किसी भी मरीज में जरा भी सांस लेने में परेशानी की दिक्कत देखने को मिलती है तो उसका भी त्वरित टेस्ट किया जाए. इसके साथ ही अगर कोई भी व्याक्ति किसी संक्रमित इंसान के कॉन्ट्रेक्ट में जाता है तो उसका भी 5 से 14 दिनों के भीतर टेस्ट किया जाए. इससे कंफर्म केसों में कमी देखने को मिलेगी.


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