मुंबईः महाराष्ट्र में करोना की मार सबसे ज्यादा पड़ी है. मुंबई कोरोना वायरस का कैपिटल बना हुआ है. पिछले कुछ महीनों से कोई आर्थिक गतिविधि नहीं हुई है, इसलिए सरकार कि तिजोरी खाली है. तमाम कोशिशें की जा रही हैं कि खर्चों पर कटौती की जा सके. अब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भी पैसे बचाने के लिए राजभवन के खर्चों में कटौती करने का फैसला लिया है. राज्यपाल ने तमाम फैसले लिए हैं जिनसे उम्मीद की जा रही है कि वित्त वर्ष में राजभवन के खर्चे में 10 से 15% की कमी आयगी.


देश की आर्थिक राजधानी आज देश की करोना की राजधानी बना हुआ है. किसी भी तरह की आर्थिक गतिविधि ना होने के कारण सरकार की जेब खाली है. हर तरह के कर की प्रक्रिया रुकी हुई है. ऐसे में सरकार कोशिश कर रही है कि अपने खर्चों पर कटौती कर सके. राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार ने तमाम कटौती की है. अब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी राजभवन के खर्चों में कटौती करने के लिए कई गतिविधियों पर रोक लगा दी है.





अब से राजभवन में किसी भी तरह के बड़े खर्चे को नहीं किया जाएंगे. राजभवन में केवल उन कामों को पूरा किया जाएगा जो शुरू हो चुके हैं. आगामी स्वतंत्रता दिवस पर एक रिसेप्शन का आयोजन होना था अब उस पर रोक लगा दी गई है. तमाम कामों के लिए राजभवन में रेगुलर नियुक्तियां होती थी अब अगले आदेश तक नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है.


राजभवन के लिए एक नई कार खरीदने की प्रक्रिया चल रही थी इसे भी रोक दिया गया है. वीआईपी गेस्ट के स्वागत में राजभवन में बुके दिया जाता रहा है अब बुके देने पर भी रोक लगा दी गई है. किसी तरह का दूसरा पुरस्कार और गिफ्ट भी नहीं दिया जाएगा. राज्यपाल राज्य भर के विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर और दूसरे लोगों से मुलाकात हो या बात, वीडियो कांफ्रेंस में करेंगे जिससे यात्रा के खर्चे में भी कटौती होगी. उम्मीद की जा रही है कि इन सब कोशिशों से राजभवन के बजट का 10 से 15 प्रतिशत बचेगा. राज्यपाल ने तमाम फैसलों की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर अपने टि्वटर हैंडल से दी है.


यह भी पढ़ेंः

'रामायण' के बाद अब 'हनुमान चालीसा' ने बनाया रिकॉर्ड, 1 बिलियन व्यूज पाने वाला पहला भक्ति वीडियो बना
लॉकडाउन के चलते देश में 12 करोड़ से ज्यादा लोगों ने खोई नौकरी, पड़ी बेरोजगारी की मार