Coronavirus In India: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार (23 दिसंबर) को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने राज्यों को ऑक्सीजन संयंत्रों, वेंटिलेटर, रसद और मानव संसाधन पर विशेष ध्यान देने के साथ बुनियादी ढांचे की तैयारी सुनिश्चित करने के लिए 27 दिसंबर को सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मॉक ड्रिल करने की सलाह दी.


दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के मामलों में हालिया तेजी के मद्देनजर राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक डिजिटल बैठक के दौरान उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्यों को मिलकर और सहयोगात्मक भावना से काम करने की जरूरत है, जैसा कि कोविड की रोकथाम और प्रबंधन के लिए पिछले उछाल के दौरान किया गया था.”


क्या सलाह दी? 
बैठक में कोविड की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की तैयारियों और टीकाकरण अभियान की प्रगति की समीक्षा की गई. मीटिंग में मंत्रियों के अलावा प्रधान सचिवों, अतिरिक्त मुख्य सचिवों और राज्यों के सूचना आयुक्तों ने भी भाग लिया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक का जिक्र करते हुए मांडविया ने राज्यों को सतर्क रहने, कोविड प्रबंधन के लिए सभी तैयारियां रखने और सक्रिय दृष्टिकोण जारी रखने की सलाह दी.


स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा? 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने राज्यों से भारतीय सार्स-कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम नेटवर्क के माध्यम से स्वरूपों पर नजर रखने के लिए संक्रमित मामलों के नमूने के पूरे जीनोम अनुक्रमण की निगरानी प्रणाली को मजबूत करने को कहा. मांडविया ने कहा कि देश में यदि संक्रमण के कोई नए स्वरूप हों, तो उनका समय पर पता लगाना सुनिश्चित किया जाए.


राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों से क्या कहा? 
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, “स्वास्थ्य सुविधा-आधारित प्रहरी निगरानी, ​​पैन-रेस्पिरेटरी वायरस निगरानी, ​​समुदाय आधारित निगरानी और सीवेज या अपशिष्ट जल निगरानी पर ध्यान दिया जाना है.” उन्होंने आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन के संबंध में जन जागरूकता अभियानों के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से सभी बुनियादी ढांचे की तैयारियों की व्यक्तिगत रूप से निगरानी और समीक्षा करने और आवश्यक दवाओं का पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने का अनुरोध किया.


जांच में तेजी लाने को कहा
मनसुख मांडविया ने कहा कि कोविड के नए स्वरूप के बावजूद, ‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीकाकरण’ और कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन' बीमारी के प्रबंधन के लिए एक जांची-परखी रणनीति बनी हुई है. बयान में कहा गया है कि राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भी जांच दर में तेजी लाने के लिए कहा गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सभी पात्र लोगों, विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर समूहों के टीकाकरण में तेजी लाने का भी आग्रह किया.


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