चंडीगढ़: हरियाणा के गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोवैक्सीन परीक्षण में वालंटियर के तौर पर खुद को टीका लगवाया है. राज्य में कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए भारत बायोटेक और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की दवा कोवैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण आज से शुरू हो गया है.
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि वह कोवैक्सीन परीक्षण में वालंटियर के तौर पर खुद को डॉक्टरों की देखरेख में सबसे पहले टीका लगवाएंगे.
वैक्सीन के पहला और दूसरे चरण का परीक्षण सफल
बता दें कि वैक्सीन के पहला और दूसरे चरण का परीक्षण और विश्लेषण सफल रहा है और अब तीसरे चरण का परीक्षण शुरु किया जा रहा है. पहले और दूसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल में करीब एक हजार वॉलंटियर्स को यह वैक्सीन दी गई थी. इस वैक्सीन के तीसरे चरण का परीक्षण भारत में 25 केंद्रों में 26,000 लोगों के साथ किया जा रहा है. ये भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आयोजित होने वाला सबसे बड़ा ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल है.
परीक्षण के दौरान वॉलंटियर्स को लगभग 28 दिनों के भीतर दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे. परीक्षण डबल ब्लाइंड कर दिया गया है जिससे कि इन्वेस्टिगेटर, प्रतिभागियों और कंपनी को यह पता नहीं होगा कि किस समूह को सौंपा गया है. इसमें वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन या प्लेसीबो दिया जाएगा. इस परीक्षण में भाग लेने के इच्छुक स्वयंसेवकों की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए. ये मल्टिसेंटर थर्ड फेस ट्रायल भारत में 22 जगहों में होगा.
पूरी दुनिया को वैक्सीन का इंतजार
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बची पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंतजार है. वैक्सीन बनाने की दौड़ में भारत भी शामिल है. भारत की अपनी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन पर देश वासियों की उम्मीदें टिकी हुई हैं.
बता दें कि देशभर के 20 रिसर्च सेंटरों में 25,800 वालंटियर्स को कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी. 20 सेंटरों में से एक पीजीआईएमएस रोहतक भी अपने वालंटियरों को यह डोज देने के लिए तैयार है.
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