नई दिल्ली: देश भर से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बदसलूकी की डराने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. दिल्ली के तुग़लकाबाद में रेलवे के क्वारंटीन सेंटर में निज़ामुद्दीन मरकज़ से लाये गए लोगों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. इन घटनाओं को देखते हुए दिल्ली की स्वास्थ्य सचिव पद्मिनी सिंगला ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है. पत्र में स्वास्थ्य सचिव ने निज़ामुद्दीन मरकज़ से लाए मरीज़ों के व्यवहार का हवाला देते हुए COIVD-19 के इलाज के लिए बने उन अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटर में पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात करने की मांग की है, जहां मरकज़ से लाये गए मरीज़ों को रखा गया है.
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से लिखे गए इस पत्र में कुछ घटनाओं का ज़िक्र करते हुए लिखा है कि दिल्ली सरकार के राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में मरकज से लाए गए एक मरीज ने आत्महत्या करने की कोशिश की, जिसको अस्पताल के स्टाफ ने समय रहते रोक लिया. वहीं नरेला के DDA क्वारंटीन सेंटर से दो लोग भाग गए, जिनको बाद में पटपड़गंज से पकड़ा गया.
विभिन्न अस्पतालों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट के साथ दिल्ली के स्वास्थय मंत्री की मीटिंग में मरकज से लाए गए लोगों के व्यवहार और उसके चलते हो रही समस्या के बारे में चर्चा की गई. पत्र में इस मीटिंग में हुई चर्चा का भी ज़िक्र किया गया है कि किस तरह से निजामुद्दीन के मरकज से लाए गए लोग कानून व्यवस्था के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं और अस्पताल के स्टाफ के लिए उनको संभालना बहुत मुश्किल हो रहा है.
इसलिए दिल्ली पुलिस कमिश्नर से इन तमाम अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटर में पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की मांग की गई है ताकि स्वास्थ्यकर्मी बिना किसी डर और बाधा के अपना काम कर सकें. पत्र के साथ उन अस्पतालों और क्वारंटीन सेंटर की लिस्ट भी पुलिस को सौंपी गई है जिनमें मरकज़ से लाये लोगों को रखा गया है.