नई दिल्ली: भारत में कोरोना मरीजों के ठीक होने की रफ्तार तेजी से बढ़ रही है. इसी वजह से स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइड लाइन में एक बड़ा बदलाव किया गया है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने ये बदलाव कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज करने को लेकर किया है. इसमें तीन अलग-अलग तरह के मरीजों के लिए के लिए अलग-अलग डिस्चार्ज और टेस्टिंग नियम बनाए गए हैं. पहले जहां सब मरीजों को डिस्चार्ज करने से पहले आरटी पीसीआर टेस्ट किया जाता था अब उस नियम को भी बदल दिया गया है.


कोरोना नियम में हुए बदलाव को समझिए


- नई गाइडलाइन के मुताबिक माइल्ड यानी हल्के लक्षण वाले मरीजों को 3 दिन तक बुखार नहीं आया तो 10 दिन में अस्पताल से छुट्टी.


- थोड़े गंभीर लक्षण वाले मरीज का बुखार अगर 3 दिन में उतर जाता है और अगले 4 दिन तक शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 95% से ज्यादा रहती है तो ऐसे मरीजों को 10 दिन के बाद डिस्चार्ज किया जा सकता है.


- वहीं तीसरी कैटेगरी यानी ऐसे गंभीर मरीज जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें लक्षण दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा.


- इसके अलावा ट्रांसप्लांट, एचआईवी पेशेंट या गंभीर बीमारी वाले पेशेंट जब तक क्लीनिकली रिकवर नहीं होते हैं और इनका आरटी पीसीआर टेस्ट नेगेटिव नहीं आता है तो इन्हे डिस्चार्ज नहीं किया जाएगा.


सबसे बड़ी बात डिस्चार्ज होने के बाद मरीज को अगले 7 दिन होम क्वॉरन्टीन में रहना होगा जो पहले 14 दिन का था. इस दौरान अगर फिर से लक्षण दिखे तो कोविड केयर सेंटर या हेल्पलाइन पर कॉन्टैक्ट करना होगा.


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