नई दिल्ली: देश में COVID-19 से संक्रमित लोगों की संख्या में आज बड़ी बढ़ोतरी हुई. स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से शाम के करीब साढ़े सात बजे जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अब तक 4789 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं और 124 लोगों की मौत हुई है. 353 मरीज ठीक हुए हैं. इस समय 4312 मरीजों का इलाज चल रहा है. वहीं दुनियाभर में 75,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. इसमें अधिकतर की मौत यूरोप में हुई है.


राज्यवार पढ़ें आंकड़े
राज्यों की बात करें तो सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र से सामने आए हैं. यहां 868 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं. इनमें से 56 लोग ठीक हुए हैं और 48 लोगों की मौत हुई है. आंध्र प्रदेश में 266, अंडमान निकोबार में 10, अरुणाचल प्रदेश में एक, असम में 26, बिहार में 32, चंडीगढ़ में 18, छत्तीसगढ़ में 10, दिल्ली में 576, गोवा में 7, गुजरात में 165, हरियाणा में 90, हिमाचल प्रदेश में 13, जम्मू-कश्मीर में 116, झारखंड में 4, कर्नाटक में 175, केरल में 327, लद्दाख में 14, मध्य प्रदेश में 229, मणिपुर में दो, मिजोरम में एक, ओडिशा में 42, पुडुचेरी में पांच, पंजाब में 91, राजस्थान में 288, तमिलनाडु में 621, तेलंगाना में 364, त्रिपुरा में एक, उत्तराखंड में 31, उत्तर प्रदेश में 305 और पश्चमि बंगाल में 91 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.


स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने आज बताया कि संक्रमण के शुरुआती दौर वाले ऐसे मरीज जिनकी हालत गंभीर नहीं है, उनके लिये ‘कोविड-19 केयर सेंटर’ बनाये जायेंगे. इनमें संक्रमण के संदिग्ध मरीजों को भी रखा जायेगा. ये सेंटर सरकारी इमारतों या होटल, लॉज या स्टेडियम आदि स्थानों पर बनाये जायेंगे, जिन्हें स्थानीय कोविड-19 अस्पतालों से संबद्ध किया जायेगा. जिससे जरूरत पड़ने पर मरीजों को इन अस्पतालों में तत्काल भेजा जा सके.


अग्रवाल ने बताया कि दूसरी श्रेणी में ऐसे संक्रमित मरीजों को शामिल किया गया है, जो पहले से मधुमेह (डायबिटीज) या हृदय रोग सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं, या संक्रमण के कारण जिनकी हालत थोड़ी गंभीर है. इनके लिये ‘डेडीकेटिड कोविड-19 हेल्थ सेंटर’ बनाये जायेंगे. ये सेंटर किसी अस्पताल में ही बनेंगे. इनमें ऑक्सीजन सहित अन्य जरूरी इंतजामों की अनिवार्य उपलब्धता को सुनिश्चित किया जायेगा.


'लॉकडाउन का पालन करें'
अग्रवाल ने संक्रमण के मामलों के अध्ययन पर आधारित एक अध्ययन रिपोर्ट के हवाले से लॉकडाउन को इस संकट का प्रभावी और कारगर उपाय बताया. उन्होंने कहा कि कोरोना के एक संक्रमित मरीज से दूसरों में संक्रमण फैलने की संभावना से जुड़ी इस अध्ययन रिपोर्ट में पता चला है कि लॉकडाउन का पालन नहीं होने पर एक संक्रमित व्यक्ति 30 दिन में 406 लोगों को संक्रमित कर सकता है जबकि लॉकडाउन का 75 प्रतिशत तक पालन होने पर एक संक्रमित व्यक्ति से औसतन 2.5 लोगों में संक्रमण फैलता है. इसे ध्यान में रखते हुये उन्होंने देशवासियों से लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित करने की अपील की.


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