नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना के इलाज में लगे सबसे बड़े अस्पताल लोक नायक अस्पताल में कोरोना के मरीज़ों की लाइव मॉनिटरिंग के लिए एक हाई-टेक पेशेंट मॉनिटरिंग सिस्टम तैयार किया गया है. इस सिस्टम की मदद से मरीज़ के एम्बुलेंस से अस्पताल पंहुचने से लेकर उसको वॉर्ड में शिफ्ट करने तक का सारा मूवमेंट ट्रैक किया जा सकता है. इसके साथ ही डॉक्टर ने मरीज़ को कैज़ुलटी में ट्रीटमेंट देने से लेकर ICU या वॉर्ड में शिफ्ट करने में कितना समय लिया, ये भी ट्रैक किया जाता है. पूरे अस्पताल में 760 कैमरा लगाए गए हैं, जिनके ज़रिए मॉनिटरिंग की जाती है. मेडिकल डायरेक्टर ऑफिस ब्लॉक में इसे स्थापित किया गया है.


LNJP अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ सुरेश कुमार के मुताबिक मॉनिटरिंग सिस्टम लगाने के बाद से अस्पताल में व्यवस्था में काफी सुधार आया है. कुछ मुख्य बातें जिनका मॉनिटरिंग में ध्यान दिया जाता है:-


- मरीज़ के अस्पताल पहुंचने और उसे ज़रूरत के मुताबिक ट्रीटमेंट दिए जाने में कोई देरी ना हो.
- मेडिकल स्टाफ पर नज़र रखी जाती है कि सभी ठीक तरीके से अपना काम कर रहे हैं या नहीं.
- मेडिकल वेस्ट पर नज़र रखी जाती है ताकि अस्पताल में कहीं बॉयो मेडिकल वेस्ट न फैले और संक्रमण फैलने का खतरा न हो.
- मरीज़ों को सही समय पर खाना दिया जा रहा है या नहीं.
- मरीज़ों को होने वाली किसी भी तरह की परेशानी का ध्यान दिया जाता है.


डॉक्टर सुरेश कुमार का कहना है कि अस्पताल ने Zero Delay Policy के तहत इस मॉनिटरिंग रूम की शुरुआत की है. एम्बुलेंस के अस्पताल पहुंचने के 1 मिनट के अंदर मरीज़ को कैज़ुअल्टी में पंहुचाना होता है. अस्पताल के कैजुअल्टी विभाग में 25 बेड और 25 वेंटिलेटर लगाये गए हैं, ताकि किसी गंभीर मरीज़ के आने पर उसे ज़रूरत के मुताबिक सही समय पर सही इलाज मिल सके. कैजुअल्टी में कार्डियक मॉनिटर और ऑक्सिजन सिलेंडर की भी व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही डॉक्टर नर्सेज समेत सभी मेडिकल स्टाफ की संख्या तीन गुना कर दी गई है. अब तक करीब 1000 मरीज़ों की मॉनिटरिंग की जा रही है.


जानकारी देते हुए डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि कैजुअल्टी में कुल 24 डॉक्टर हैं, 8 डॉक्टर एक शिफ्ट में काम करते हैं. इसके अलावा एक शिफ्ट में 6 नर्सिंग सहायक, 12 वार्ड बॉय, 5 सिक्योरिटी स्टाफ और 12 नर्सिंग स्टाफ होते हैं. इसके साथ ही कुल 650 सफाईकर्मी हैं, जो पूरे अस्पताल की साफ सफाई और बॉयो मेडिकल वेस्ट के सही तरीके से डिस्पोज़ल की व्यवस्था संभालते हैं. ICU समेत कुल 31 वॉर्ड अस्पताल में हैं, जहां कोरोना के मरीज़ों को रखा जाता है.


गौरतलब है कि 2000 बेड क्षमता वाले LNJP अस्पताल में मरीज़ों को सही समय पर इलाज न दिए जाने और अव्यवस्था की कई शिकायतें सामने आई थीं. जिसके बाद से अस्पताल प्रशासन ने व्यवस्थाओं को दुरुस्त करते हुए कई बदलाव किए हैं. नए पेशेंट मॉनिटरिंग सिस्टम के ज़रिए अस्पताल प्रशासन का दावा है कि मरीज़ों के प्रबंधन में काफी सुधार आया है.


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