मुंबई: कोरोना की सबसे बड़ी मार एविएशन इंडस्ट्री पर पड़ी है. कोरोना को लेकर जैसे-जैसे ये चर्चा होने लगी कि दुनिया के अलग-अलग हिस्से से जो लोग ट्रेवल करके आ रहे हैं जा रहे हैं उन्हीं के जरिए यह वायरस फैल रहा है. इसका असर कुछ यूं हुआ कि लोगों ने हवाई सेवाएं लेना लगभग बंद कर दिया. सरकार की तरफ से भी लगातार यात्रा से बचने के निर्देश दिए जा रहे हैं जिससे हालत यह है कि एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स का आना जाना कम हो गया है.


लोगों ने अपने सारे ट्रैवल प्लान कैंसिल कर दिए हैं और इसका सीधा असर एयरपोर्ट पर काम करने वाले लोगों पर पड़ा है. एयरपोर्ट के बाहर जो लोग ऑटो या टैक्सी चलाते हैं उनकी आर्थिक स्थिति खराब होती जा रही है. कोरोना के चलते विदेश यात्राएं लगभग रुकने के कगार पर हैं जो थोड़ी बहुत फ्लाइट देश के बाहर आ जा रही हैं उसमें भी लोग अब ट्रैवल करने से बच रहे हैं. लोग होम क्वारेंटाइन पर हैं.


विमानन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को छुट्टी पर भेजा
यात्रियों की संख्या कम होने के चलते कई विमानन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को छुट्टी पर भी भेज दिया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले समय में अगर सरकार ने मदद नहीं की तो इस विभाग से सैकड़ों लोगों की हजारों लोगों की नौकरियां जा सकती हैं.


लोगों ने कैंसिल किए अपने ट्रेवल प्रोग्राम
सरकार के निर्देश के चलते भी और अपनी सुरक्षा के मद्देनजर लोगों ने अपने ट्रेवल प्रोग्राम कैंसिल कर रखे हैं. स्पोर्ट्स कमेंटेटर रहे राजेश तिवारी का कहना है कि अपनी बेटी के संग उनको इजराइल जाना था और भी पेशेवर कामकाज के लिए विदेश यात्राएं सोच रखी थी. पर जिस तरीके से कोरोना को देखते हुए उन्होंने अपने सारे ट्रैवल प्लान कैंसिल कर दिए हैं.


खाली बैठकर गुजर रहा है ऑटो-टैक्सी वालों का दिन
कोरोना की मार ऑटो वाले, टैक्सी चलाने वालों पर भी पड़ी है. पहले जहां 1 दिन में 2 से 3 हज़ार की कमाई होती थी अब दिन के 500 की भी कमाई नहीं हो रही है. पहले 15 मिनट में सवारी मिल जाती थी अब 4 से 5 घंटे तक कोई सवारी नहीं मिलती. हालात ये हैं कि ऑटो टैक्सी चालक खाली बैठे हुए हैं.



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