Explained: कोरोना के खिलाफ अलग-अलग वैक्सीन कितनी कारगर ? जानिए सभी आठ वैक्सीन की स्थिति
भारत में इस वक्त सिर्फ कोरोना की तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी को मंजूरी मिल चुकी है. वहीं दुनियाभर में करीब आठ वैक्सीन कोरोना खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल की जा रही हैं.
नई दिल्ली: तेजी से आगे बढ़ती दुनिया पर कोरोना ने ऐसी ब्रेक लगाई है कि जिंदगी अभी भी पूरी तरह से पटरी पर नहीं लौट पायी है. कोरोना वायरस ने दुनियाभर में ऐसा कहर मचाया कि कोई भी देश इससे अछूता नहीं रहा. भारत भी इस वक्त दूसरी लहर से उबर रहा है. भारत में कोरोना की दूसरी लहर में अब नए केस कम हो रहे हैं लेकिन मौत का आंकड़ा अभी भी माथे पर लकीरें खींच देने वाला है.
दुनियाभर में फैले इस कोरोना का सिर्फ वैक्सीन ही कारगर इलाज है. भारत समेत दुनियाभर में तेजी से कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान जारी है. भारत में करीब 24 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है.
कोरोना के टीकों को लेकर भी कई तरह की जानकारी सामने आती रहती हैं. भारत में इस वक्त सिर्फ कोरोना की तीन वैक्सीन कोविशील्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक वी को मंजूरी मिल चुकी है. वहीं दुनियाभर में करीब आठ वैक्सीन कोरोना खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल की जा रही हैं.
जानिए कोरोना के खिलाफ कौन की वैक्सीन कितनी कारगर?
फाइजर-बायोएनटेक
यह दो डोज़ वाली एमआरएनए वैक्सीन है जो कोरोना खिलाफ 95% कारगर है. इसके साथ ही यह कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ भी काफी असरदार है.
मॉडर्ना
फाइजर की तरह यह भी दो डोज़ वाली एमआरएनए वैक्सीन है जो कोरोना खिलाफ 95% कारगर है. यह भी कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ भी काफी असरदार है.
कोविशील्ड
यह दो डोज़ वाली वेक्टर वैक्सीन है. यह कोरोना खिलाफ जंग मे 70% कारगर है. इसके साथ ही कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) के खिलाफ असरदार है लेकिन ब्राजीली वैरिएंट (P1) के खिलाफ ज्यादा कारगर नहीं है.
जॉनसन एंड जॉनसन
यह दुनिया की अकेली सिंगल डोज़ वैक्सीन है. कोरोना खिलाफ जंग मे 66% कारगर है. कोरोना के यूके वैरिएंट (B117), साउथ अफ्रीकी वैरिएंट (B1351) और ब्राजीली वैरिएंट (P1) तीनों के खिलाफ कारगर है. लेकिन B1351 और P1 के खिलाफ ज्यादा असरदार नहीं है.
स्पुतनिक वी
यह भी कोविशील्ड की तरह दो डोज़ वाली वेक्टर वैक्सीन है. यह कोरोना खिलाफ जंग मे 91% कारगर है. इसके क्लीनिकल ट्रायल सिर्फ रूस में ही हुए हैं, इसलिए अलग अलग वैरिएंट के खिलाफ इसका प्रभाव अभी तक पता नहीं है.
साइनोवैक बायोटेक
यह चीन की वैक्सीन है, यह भी दो डोज़ वाली वैक्सीन है जो कोरोना के खिलाफ 50% असरदार है. ब्राजील में हुए अध्ययन के मुताबिक यह P1 वायरस के खिलाफ भी 50% कारगर है.
नोवावैक्स
यह दो डोज़ वाली प्रोटीन आधारिक वैक्सीन है. यह कोरोना के खिलाफ 89% कारगर है. अलग अलग वैरिएंट की बात करें तो यह यूके और ब्राजील वैरिएंट के खिलाफ असरदार है.
कोवैक्सीन
यह भारत की स्वदेशी वैक्सीन है, इसके भी दो डोज़ दिए जाते हैं. यह कोरोना के खिलाफ 78% असरदार है. यह यूके वैरिएंट समेत कुछ अन्य वैरिएंट के खिलाफ भी कागगर है.
भारत में अब तक कितना टीकाकरण?
देश में अभी तक कोविड-19 के कुल 23.88 करोड़ टीके लोगों को लगाए जा चुके हैं. मंगलवार को 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के 13,32,471 लोगों को टीका की पहली खुराक दी गई और इसी आयु वर्ग के 76,723 लोगों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी गई. इसी उम्र वर्ग में कुल 3,17,37,869 लोगों को विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में टीके की पहली खुराक लगाई जा चुकी है और 3,16,134 लोगों को दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
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