नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के चलते देश में लॉकडाउन लागू किया गया, जिसके बाद हज़ारों-लाखों लोग जहां तहां फंस गए. ऐसे में लोगों को खाने पीने की दिक्कतें होने लगी. इसी को देखते हुए इंडियन होटल्स कंपनी (IHCL) ने बड़े पैमाने पर मदद करने का फैसला किया. IHCL ने स्वास्थ्यकर्मियों और प्रवासी मज़दूरों को खाना बांटना शुरू किया.
IHCL ने ये काम 23 मार्च को ही शुरू किया था और अब तक कंपनी ने 10 लाख मील्स यानी खाने के पैकेट बांट दिए हैं. कंपनी ने मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोयंबटूर और आगरा में मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों और ज़रूरतमंद प्रवासी मज़दूरों तक खाना पहुंचाया है. ज़रूरतमंदों तक खाना पहुंचाने की अगुवाई ताज पब्लिक सर्विस वेलफेयर ट्रस्ट (TPSWT) ने की. पौष्टिक खाना IHCL की कंपनी TajSATS ने तैयार किया, जो कि एयरलाइन कैटरींग के क्षेत्र में बेहतरीन काम करती है.
IHCL के एमडी और सीईओ पुनीत छटवाल ने कहा, "IHCL कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र की सेवा के लिए सम्मानित और विनम्र है. बीते 36 दिनों के लॉकडाउन के दौरान 10 लाख लोगों को खाना बांटना बहुत बड़ी बात है और यह इस बात की भी पहचान है कि समुदाय हम पर यकीन करता है."
आपको बता दें कि IHCL की स्थापना जेआरडी टाटा ने की थी. उन्होंने एक बार कहा था, "“भौतिक नज़रिए से कोई भी सफलता या उपलब्धि सार्थक नहीं होती जब तक वो देश और इसके लोगों की जरूरतों या हितों की सेवा न करे और ये सही और सच्चे ज़रिए से हासिल होनी चाहिए.
इन जगहों पर पहुंचाए गए खाने के पैकेट
- IHCL ने मुंबई में बीएमसी के साथ साझेदारी की और वहां के सात महत्वपूर्ण अस्पतालों और कोविड-19 सेंटर्स में मेडिकल से जुड़े लोगों तक 3 लाख 30 हज़ार खाने के पैकेट पहुंचाए.
- बेंगलुरू में कंपनी ने द ताज वेस्ट एंड के साथ मिलकर विक्टोरिया अस्पताल और महामारी रोग अस्पताल में 9,500 खाने के पैकेट पहुंचाए.
- नई दिल्ली में IHCL ने टाटा संस के साथ साझेदारी कर 31 मार्च से आठ अस्पतालों में 85,000 खाने के पैकेट पहुंचाए हैं.
- मुंबई में TPSWT ने प्रवासी मज़दूरों में 5 लाख 75 हज़ार खाने के पैकेट वितरित किए हैं.
कंपनी का कहना है कि आगे लॉकडाउन की अवधि यानी 3 मई तक खाना बांटने का ये काम जारी रहेगा.