नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. मार्च से भारतीय रेलवे की यात्री सेवा ठप है. अब रेलवे ने कहा है कि लॉकडाउन होने की वजह से रेलवे को वित्त वर्ष 2020-2021 में 35 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. वर्तमान में भारतीय रेलवे केवल 230 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन कर रही है.


हम केवल 230 स्पेशल ट्रेनें चला रहे हैं- रेलवे


रेलवे मंत्रालय ने कहा है, ‘’हम केवल 230 स्पेशल ट्रेनें चला रहे हैं. पिछले साल यात्री ट्रेनों से रेलवे को करीब 50 हजार करोड़ रुपए की कमाई हुई थी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि अभी हमें नहीं पता कि भविष्य में कोरोना वायरस की स्थिति कैसी होगी. यादव ने कहा कि रेलवे इस वित्तीय वर्ष में अपने माल ढुलाई राजस्व पर निर्भर है. माल ढुलाई की आय पिछले साल के मुकाबले 50 फीसदी तक बढ़ जाएगी.


विनोद कुमार यादव ने कहा कि हम पैसेंजर सेगमेंट से 10-15% कमाई होने की उम्मीद कर रहे हैं. इससे हम 30 से 35 हजार करोड़ के नुकसान में हैं. लेकिन हम इस नुकसान की भरपाई को माल ढुलाई से पूरी करने की कोशिश करेंगे.


अगले तीन सालों में चलेंगी 44 वंदे भारत ट्रेनें


रेलवे ने कहा है कि वंदे भारत ट्रेनों का निर्माण अब एक नहीं बल्कि तीन रेल इकाइयों में किया जाएगा और अगले तीन सालों के भीतर ये ट्रेनें रेल नेटवर्क में आ जाएंगी. यादव ने कहा कि ट्रेनों को एकसाथ तीन रेल इकाइयों रेलवे कोच फैक्ट्री, कपूरथला, मॉडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली और इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई में बनाया जाएगा.


यादव ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले निर्णय लिया गया था कि रेलवे की तीन विनिर्माण इकाइयां इन ट्रेनों का निर्माण करेंगी, जिससे उनके निर्माण में लगने वाले समय में कमी आएगी. 44 ट्रेनें अगले दो से तीन सालों में चलनी शुरू हो जाएंगी. एक बार निविदा को अंतिम रूप देने के बाद एक निश्चित समयावधि उपलब्ध कराई जाएगी.’’


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