क्या कोरोना वायरस मरीज के दाह संस्कार करने से भी संक्रमण फैलता है ? क्या वायरस हवा या जमीन में दाह संस्कार करने के बाद भी जीवित रह सकता है ? इन दिनों ऐसे सवाल कोरोना वायरस मरीज की मौत के बाद उठने लगे हैं.
फॉरेंसिक विशेषज्ञ बताते हैं कि कोविड-19 के शव को दाह संस्कार के लिए ले जाने से पहले स्वास्थ्यकर्मी तमाम उपाय अपनाते हैं जिससे किसी तरह की शंका न रहे. कोविड-19 मरीज की मौत के बाद मुंह, नाक या जख्म होने पर उसे सोडियम हाइपोक्लॉरिट केमिकल से धो दिया जाता है. फिर शव की खुली जगहें और जख्मों को अभेद्य तरीके से बंद कर लीक प्रूफ डबल लेयर बॉडी बैग में रखा दिया जाता है. ऐसा शरीर से निकलने वाले द्रव्य को रोकने के लिए किया जाता है. बॉडी बैग का बाहरी हिस्सा भी सोडियम हाइपोक्लॉरिट केमिकल से कीटाणु रहित कर लिया जाता है.
राजेंद्र अस्पताल पटियाला के फॉरेंसिक और विष वैज्ञानिक डॉ जीएस भुल्लर कहते हैं कि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है. इसलिए अंतिम संस्कार के वक्त वायरस के फैलने की आशंका नहीं होती है. अंतिम संस्कार के लिए तैयारियां करते वक्त स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी उपायों को अपनाते हैं. अंतिम संस्कार के वक्त मौजूद लोगों को भी संक्रमित होने की बात अफवाह है. यहां तक कि शव को जलाने के बाद राख को इकट्ठा करने में कोई नुकसान नहीं है. वहीं गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अमृतसर के डॉ अशोक चन्ना की सलाह है कि किसी तरह के अफवाह पर ध्यान देने के बजाए डॉक्टरों पर विश्वास किया जाना चाहिए. जागरुकता होने पर कोविड-10 संक्रमित मरीज के अंतिम संस्कार करने में लोग नहीं डरेंगे.
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