नई दिल्ली: देश में जानलेवा कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है. अब इसपर जमकर राजनीति भी हो रही है. कोरोना की वर्तमान स्थिति को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं. तो वहीं बीजेपी ने अब प्रियंका गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस आपदा के वक्त भी राजनीति कर रही है.
आपदा के समय झलक रहा है गांधी परिवार का घमंड- बीजेपी
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रियंका के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है, ‘’जब राजनीति नहीं होनी चाहिए तब कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गांधी परिवार राजनीति कर रहा है. प्रियंका गांधी ने एक इंटरव्यू में जिस प्रकार से आलोचना की है, वह देश देख रहा है. देश उनको जवाब देगा. गांधी परिवार का घमंड इस आपदा के समय देश के सामने झलक रहा है.’’
फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की जा रही है- संबित पात्रा
संबित पात्रा ने आगे कहा, ‘’देश में घबराहट, अफरातफरी और फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र ने जैसे असंवेदनशीलता दिखाई उसका नतीजा है कि आज लगभग 40-50% मामले एक ही राज्य से आ रहे हैं. प्रियंका जी, आज महाराष्ट्र की सरकार जो कर रही है उस पर आपके भाई एक शब्द नहीं बोल रहे हैं.’’
संबित पात्रा ने कहा, ‘’छत्तीसगढ़ में यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि वहां की सरकार ने इसे नियंत्रित नहीं किया. वहां के मुख्यमंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहते हैं कि हम वैक्सीनेशन नहीं कराएंगे. क्या यह हकीकत नहीं कि पंजाब, छत्तीसगढ और राजस्थान की सरकार ने प्रेस रिलीज जारी की थी कि हम कोवैक्सीन नहीं लेंगे?’’
प्रियंका गांधी ने क्या कहा था?
इससे पहले प्रियंका गांधी ने कहा था, ‘’आज देशभर से रिपोर्ट आ रही हैं कि बेड, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर, वेंटिलेटर की कमी है. पहली वेव और दूसरी वेव के बीच हमारे पास तैयारी करने के कई महीने थे. सरकार ने जनवरी से मार्च महीने में कोरोना वायरस की 6 करोड़ वैक्सीन निर्यात की और इसी समय में 3-4 करोड़ भारतीयों को वैक्सीन दी. आपने भारतीयों को प्राथमिकता क्यों नहीं दी?’’
प्रियंका ने कहा, ‘’कितनी बड़ी त्रासदी है कि देश में ऑक्सीजन उपलब्ध है, लेकिन जहां पहुंचना चाहिए वहां पहुंच नहीं पा रहा है. पिछले 6 महीने में 1.1 मिलियन रेमडेसिविर इंजेक्शन का निर्यात हुआ है और आज हमारे पास इंजेक्शन की कमी है. मैं सकारात्मक तरीके से कह रही हूं कि भगवान के लिए सरकार कुछ करे. उनके पास जितने संसाधन हैं, उन्हें वो कोरोना की लड़ाई में लगाएं. अगर केंद्र सरकार अपना मन बनाए तो अभी भी ऑक्सीजन की सुविधा बनाई जा सकती है.’’
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