Corona Cases Surge: कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से एक बार फिर से लोगों में दहशत बढ़ गई है. चार महीने बाद एक दिन में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामलों ने केंद्र सरकार से लेकर राज्यों सरकारों के माथे पर बल ला दिए हैं. दरअसल, बीते कुछ हफ्तों में कोविड-19 से जुड़े मामलों की संख्या में तेजी दर्ज की गई है. इसके साथ ही देश में H3N2 वायरस के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने 6 राज्यों को माइक्रो लेवल पर स्थिति पर नजर रखने के निर्देश जारी किए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, भारत में गुरुवार (16 मार्च) को एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के 754 नए मामले सामने आए. देश में कुल एक्टिव कोरोना मामलों की संख्या 4,623 पर पहुंच गई है. इससे पहले बीते साल 12 नवंबर को कोरोना संक्रमण के 734 मामले एक ही दिन में सामने आए थे.
इन 6 राज्यों को जारी किया गया अलर्ट
कोविड-19 के मामलों में तेजी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से 6 राज्यों को अलर्ट जारी किया गया है. कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जांच, निगरानी और बचाव के उपायों को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि महाराष्ट्र में बीते एक हफ्ते में संक्रमण के मामले 355 से बढ़कर 668 हो गए हैं. गुजरात में कोविड-19 के मामले 105 से बढ़कर 279, तेलंगाना में 132 से बढ़कर 267, तमिलनाडु में 170 से बढ़कर 258 और केरल में कोरोना वायरस के मामले 434 से बढ़कर 579 हो गए हैं. वहीं, कर्नाटक में संक्रमण के मामले 493 से बढ़कर 604 हो गए हैं. भूषण ने कहा कि राज्य सरकारें फाइव फोल्ड स्ट्रैटेजी के तहत टेस्ट, ट्रीट, ट्रैक, कोविड एप्रोपिएट बिहेवियर, वैक्सीनेशन की रणनीति का पालन करें.
महाराष्ट्र में कोरोना केस बढ़ना क्यों है सिरदर्द?
कोरोना संक्रमण के मामलों में महाराष्ट्र भी आगे है. कोरोना की अब तक आई सभी लहरों के दौरान महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले सबसे ज्यादा रहे थे. दरअसल, विदेशों से आने वाली ज्यादातर फ्लाइट महाराष्ट्र में ही लैंड करती हैं. इनमें से खाड़ी देशों से आने वाली फ्लाइट सबसे ज्यादा होती हैं. इसके बाद दिल्ली का नंबर आता है. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि कोरोना के नए वेरिएंट के प्रसार में महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्य सबसे राज्य सबसे आगे रहे हैं.
कोरोना से लड़ाई में निगरानी है जरूरी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन 6 राज्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि कुछ राज्यों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. जो इशारा करता है कि संक्रमण का संभावित स्थानीय प्रसार हो रहा है और इससे बचने के लिए जोखिम आकलन-आधारित रुख अपनाया जाना चाहिए. आठ मार्च तक एक सप्ताह में कोविड-19 के कुल 2,082 मामले दर्ज किए गए और 15 मार्च तक ये मामले बढ़कर 3,264 हो गए.
कोविड-19 से निपटने के लिए जारी किए निर्देश
केंद्र सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग, नमूने इकट्ठा करने और कोरोना वायरस के मामलों पर स्थानीय रूप से नजर रखने के साथ भीड़भाड़ वाली जगहों पर कोविड अनुकूल व्यवहार के पालन करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इसी के साथ स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड-19 के वेरिएंट से जुड़े मामलों, इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों पर भी नजर रखने की बात कही गई है.
कोरोना संक्रमण से उबरने में भारत सबसे आगे
इस दौरान कर्नाटक में संक्रमण से एक मरीज की मौत भी हुई है, जिसके चलते कोरोना से हुई मौतें की संख्या 5,30,790 हो गई है. केंद्र सरकार की ओर से गुरुवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में अब तक कुल 4,41,57,297 लोग कोरोना को हरा चुके हैं. वहीं, कोविड-19 से होने वाली मौतों की दर महज 1.19 प्रतिशत है. देश में मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 98.80 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की 220.64 करोड़ खुराक लगाई जा चुकी हैं. गौरतलब है कि भारत में सात अगस्त 2020 को कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त 2020 को 30 लाख और पांच सितंबर 2020 को 40 लाख से अधिक हो गई थी.
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