Expert On XBB.1.16 Variant Of Coronavirus: देश में कोरोना के मामलों में उछाल को देखते हुए लोगों को कोविड नियमों का पालन करने की सलाह विशेषज्ञों की ओर से दी जा रही है. मेदांता अस्पताल के चेस्ट सर्जरी इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर अरविंद कुमार ने सलाह दी है कि बाहर जाते समय लोग मास्क जरूर पहनें और कोरोना के लक्षण दिखने पर कोविड टेस्ट कराएं. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, डॉ. अरविंद कुमार ने कहा, ''अब चूंकि टेस्टिंग बढ़ी है तो (कोरोना) केस भी बढ़े हैं. अच्छी बात यह है कि जो मामले सामने आ रहे हैं वो ज्यादा गंभीर नहीं हैं. लोग घर पर रहकर ठीक हो रहे हैं.''


कितना असर कर रहा नया वैरिएंट?


एक्सपर्ट ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी थी और जो मरीज सामने आ रहे थे, उन्हें इसकी जरूरत थी लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं है. यह वायरल और नया वैरिएंट हमारे फेफड़ों पर ज्यादा असर नहीं कर रहा है. हालांकि, लंबे वक्त से मरीजों में सूखी खांसी की समस्या देखी जा रही है. जो मरीज सामने आ रहे हैं, उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है.


उन्होंने कहा कि जो मरीज से पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं, उन्हें इस वैरिएंट से खतरा हो सकता है. ऐसे लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. वहीं, फेफड़े की बीमारी से जूझ रहे लोगों को इस वैरिएंट और वायरल से बहुत ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. डॉक्टर अरविंद ने कहा, ''उनके (फेफड़े की बीमारी से ग्रसित लोग) लिए जरूरी है कि कम से कम घर से बाहर निकलें, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और बहुत जरूरी हो तो मास्क पहनकर ही घर से निकलें.''


कितना खतरनाक है XBB.1.16 वैरिएंट?


डॉक्टर अरविंद कुमार ने कहा, ''XBB.1.16 वैरिएंट अभी हल्का (Mild) है. इससे पीड़ित मरीज ज्यादा गंभीर हालत में नहीं देखे जा रहे हैं. उन्हें अस्पताल जाने की बहुत कम जरूरत पड़ती है. ज्यादातर मरीज घर में रहकर ही ठीक हो जा रहे हैं लेकिन इसे लेकर जरा भी लापरवाही बरतने की जरूरत नहीं है क्योंकि कब यह वायरस गंभीर रूप धारण कर ले, यह कहा नहीं जा सकता है.'' उन्होंने कहा कि एक अच्छी बात यह है कि 95 फीसदी लोगों में हाईब्रिड इम्युनिटी है.


बता दें कि शुक्रवार (31 मार्च) को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जानकारी साझा की कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के मामलों में 48 फीसदी XBB1.16 वैरिएंट पाया गया है. उन्होंने भी कहा कि यह वैरिएंट बिल्कुल भी तीव्र नहीं है और इससे ग्रसित लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ रही है. वहीं, शुक्रवार को ही स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में 3,095 नए मामले सामने आए. ये इस साल (2023 में) 24 घंटों में सामने आए केस के मामले सबसे ज्यादा हैं.


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