नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन के बावजूद भी देश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. देश में पिछले 24 घंटों में संक्रमित मरीजों के 6654 नए मामले सामने आए हैं, जो एक दिन में अबतक सबसे ज्यादा मामले हैं. वहीं पिछले 24 घंटों में 137 लोगों की मौत हुई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों को मुताबिक अबतक एक लाख 25 हजार 101 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं 3720 लोगों की मौत हो चुकी है. 51 हजार 784 लोग ठीक भी हुए हैं. जानें आपके राज्य में कोरोना वायरस का क्या हाल है.

किस राज्य में कितनी मौतें हुईं?

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 1517, गुजरात में 802, मध्य प्रदेश में 272, पश्चिम बंगाल में 265, राजस्थान में 153, दिल्ली में 208, उत्तर प्रदेश में 152, आंध्र प्रदेश में 55, तमिलनाडु में 98, तेलंगाना में 45,  कर्नाटक में 41, पंजाब में 39,  जम्मू-कश्मीर में 20, हरियाणा में 16, बिहार में 11, केरल में 4, झारखंड में 3, ओडिशा में 7, चंडीगढ़ में 3, हिमाचल प्रदेश में 3, असम में 4, और मेघालय  में एक मौत हुई है.

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क्रमांक राज्य का नाम कोरोना के कुल मामले (11 विदेशी नागरिक शामिल) ठीक हुए/डिस्चार्ज हुए मौत
1 अंडमान निकोबार 33 33 0
2 आंध्र प्रदेश 2709 1763 55
3 अरुणाचल प्रदेश 1 1 0
4 असम 259 54 4
5 बिहार 2177 629 11
6 चंडीगढ़ 218 178 3
7 छत्तीसगढ़ 172 62 0
8 दिल्ली 12319 5897 208
9 गोवा 54 16 0
10 गुजरात 13268 5880 802
11 हरियाणा 1067 706 16
12 हिमाचल प्रदेश 168 59 3
13 जम्मू कश्मीर 1489 720 20
14 झारखंड 308 136 3
15 कर्नाटक 1743 597 41
16 केरल 732 512 4
17 लद्दाख 44 43 0
18 मध्य प्रदेश 6170 3089 272
19 महाराष्ट्र 44582 12583 1517
20 मणिपुर 26 2 0
21 मेघालय 14 12 1
22 मिजोरम 1 1 0
23 ओडिसा 1189 436 7
24 पुद्दुचेरी 26 10 0
25 पंजाब 2029 1847 39
26 राजस्थान 6294 3680 153
27 तमिलनाडु 14753 7128 98
28 तेलंगाना 1761 1043 45
29 त्रिपुरा 175 152 0
30 उत्तराखंड 153 56 1
31 उत्तर प्रदेश 5735 3238 152
32 पश्चिम बंगाल 3332 1221 265
भारत में कुल मरीजों की संख्या 125101 51784 3720
बता दें कि सरकार ने एक बार फिर दावा किया है कि लॉकडाउन ने कोरोना महामारी पर ब्रेक लगाने में क़ामयाबी हासिल की है. सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के सचिव प्रदीप श्रीवास्तव ने आज 5 गणितीय अनुमानों के आधार पर एक आंकड़ा पेश किया. आंकड़े के मुताबिक़, अगर लॉकडाउन नहीं लगाया गया होता तो अबतक देश में कोरोना के औसतन 20 लाख मामले सामने आ गए होते जबकि बीमारी से औसतन 54000 लोग जान गंवा चुके होते. 'हमेशा के लिए लॉक डाउन संभव नहीं' प्रेस कांफ्रेस में मौजूद नीति आयोग के सदस्य और सरकार की ओर से कोरोना पर बनाए गए एमपावर्ड ग्रुप एक के अध्यक्ष डॉ वी के पॉल ने कहा कि लॉक डाउन ने अपना मक़सद काफ़ी हद तक हासिल किया है . उनके मुताबिक़ लॉक डॉउन ने न सिर्फ बीमार होने और जान देने वालों की संख्या पर ब्रेक लगाई बल्कि सरकार को कम समय में इस महामारी से लड़ने की दिशा में तैयार होने का भी समय दिया . हालांकि डॉ पॉल ने कहा कि लॉक डॉउन हमेशा के लिए लागू नहीं रह सकता और देश के लोगों को सावधानियां बरत कर इससे लड़ाई लड़नी होगी. यह भी पढें- लॉकडाउन से खतरे में दुनियाभर के 8 करोड़ मासूम, नवजात बच्चों के टीकाकरण कार्यक्रम रुके Tik Tok: वॉर्नर के डांस पर हंस पड़े कोहली, ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज ने कहा- 'अगला नंबर तुम्हारा'