COVID 19: विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए 15 मई से खुल सकता है वापसी का दरवाजा
विदेशों में फंसे भारतीयों के लिए 15 मई से वापसी का दरवाजा खुल सकता है. सूत्रों के मुताबिक छात्रों और कामगारों को प्राथमिकता दी जा सकती है.
नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन पार्ट-2 की मियाद 3 मई को खत्म होने के करीब है. इस दौरान जहां एक तरफ कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं तो साथ ही जिंदगी को पटरी पर लाने की कोशिशें भी तेज हुई है. इसी कड़ी में अब विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की कवायद को शुरू करने की योजना तैयार है. इस कड़ी में 3 मई के बाद जहां और रियायतें मिल सकती हैं वहीं अंतर्देशीय और अंतरराष्ट्रीय आवाजाही भी चरणबद्ध तरीके और एहतियात के साथ शुरू करने की कवायद चल रही है.
विदेशों में स्थित भारतीय दूतावास इन दिनों उन लोगों की फेहरिस्त बनाने में जुटे हैं जो वापस लौटना चाहते हैं. सरकारी सूत्रों के मुताबिक इनमें प्राथमिकता छात्रों, कामगारों, भारतीय पर्यटकों और वीजा अवधि समाप्त होने के कारण लौटने वाले नागरिकों को दी जाएगी. इस कवायद में कोशिश की जा रही है कि लोगों को उनके गंतव्य के करीब से करीब पहुंचाया जा सके. भारत लौटने के इच्छुक सभी नागरिकों से दूतावासों के पास पंजीयन कराने और अपने पासपोर्ट और वीजा जानकारियां देने को कहा गया है.
सूत्रों के मुताबिक वापस लौटने को तैयार लोगों में एक बड़ी संख्या खाड़ी के मुल्कों में काम करने वाले मजदूरों की है. इनमें से कई मजदूरों के वर्क परमिट की अवधि समाप्त हो गई है तो कई ऐसे भी लोग हैं जो विभिन्न कारणों से जेल में थे और अब रिहा होने के बाद देश लौटने का इंतजार कर रहे हैं.
विदेशों में मौजूद भारतीय नागरिकों के वतन वापसी प्लान से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह काम चरणबद्ध तरीके से होगा. मई 3 को खत्म हो रही मौजूदा लॉक डाउन अवधि के खत्म होने से पहले सरकार में शीर्ष स्तर से आने वाले दिशा निर्देश तय करेंगे कि प्रस्तावित योजना कब और कैसे लागू होगी. हालांकि इस बात के संकेत हैं कि 15 मई से लोगों के लिए आवाजाही की रियायत का दरवाजा खुल सकता है. विदेशों से लोगों की वापसी से पहले देश के भीतर भी आवाजाही को नियंत्रित तरीके से खोला जाना है. साथ ही पर्याप्त संख्या में क्वारंटीन सुविधा भी सुनिश्चत की जानी है.
इस बीच सूत्रों के अनुसार अब तक के सबसे बड़े वतन वापसी प्लान में 500 विमानों के बेड़े के साथ साथ नौसेना के पोत और वायुसेना के हवाई जहाजों का भी इस्तेमाल संभव है. हालांकि सूत्रों के अनुसार अभी तक तैयारी इस अनुसार की जा रही है कि गैर नियमित कमर्शियल उड़ानों के जरिए लोगों को वापस लाया जाए. वहीं विमानों में भी सोशल डिस्टेंसिंग के जरिए वापसी भी विचाराधीन है.
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विदेशों में मौजूद भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए विदेशी एयरलाइंस के उन विमानों का भी इस्तेमाल संभव है जो भारत अपने नागरिकों को लेने आ रही हैं. इस कड़ी में केंद्र सरकार ने राज्यों से अपने यहां उपलब्ध क्वारंटीन क्षमताओं का भी आंकड़ा मांगा है.
सूत्रों के मुताबिक वापस लौटने वाले लोगों को 14 दिन के क्वारंटीन में रहना होगा. इसके लिए सरकार द्वारा चिह्नित क्वारंटीन फेसेलिटी से लेकर घरों में ही क्वारंटीन अवधि पूरी करना शामिल है. इसके अलावा आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप भी वतन वापसी प्लान में सुरक्षा का अहम हथियार है. इसके जरिए हर व्यक्ति के क्वारंटीन की निगरानी मुकम्मल की जाएगी.
इन कवायदों से जुटे सरकारी सूत्रों के मुताबिक हवाई अड्डे और बंदरगाहों पर ही विदेशों से लौटने वाले लोगों की मेडिकल स्क्रीनिंग और टेस्टिंग होगी. साथ ही उन्हें जरूरत के आधार पर क्वारंटीन सुविधा में भेजा जाएगा.
इस कड़ी में केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों से भी अपना यहां मौजूद क्वारंटीन क्षमता की जानकारी साझा करने को कहा है. सूत्रों के मुताबिक राज्य के विभिन्न हिस्सों में मौजूद क्वारंटीन सुविधा का इस्तेमाल अंतर्देशीय आवाजाही के लिए भी किया जाएगा. ताकि किसी कोरोना प्रभावित रेड जोन से ग्रीन जोन इलाके में आने वाले व्यक्ति को पहले क्वारंटीन किया जा सके.
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